हाल ही खबर आ रही है कि समाजवादी पार्टी ने जनता दल से अपना महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है यानी कि अब जनता परिवार टूट गया। अब बिहार चुनाव में सपा अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जनता परिवार के एकजुट होने का मतलब ये नहीं हो सकता कि समाजवादी पार्टी का अस्तित्व खत्म हो जाए। उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने सपा का अपमान किया है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनमें सियासी धुरी को काबू में रखने का पूरा माद्दा है। बिहार चुनाव में महागठबंधन को आकार देने में मुलायम की अहम भूमिका थी।
अब सीट बंटवारे पर उन्हें किनारा किए जाने से वह नाराज होकर महागठबंधन से अलग हो गए हैं। महागठबंधन के तौर पर उन्हें मात्र 5 सीटें दी गईं थीं वो भी राजद सुप्रीम लालू प्रसाद यादव ने अपने कोटे से दिया है।
आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी। तभी से ये माना जा रहा था कि मुलायम करीब 50 सीटों पर डमी कैंडिडेट खड़े करने की सोच रहे हैं।
इससे भले ही उन्हें एक भी सीट का फायदा न हो लेकिन इससे भाजपा को बहुत फायदा होगा। जिन सीटों पर सपा के प्रत्याशी होंगे वहां यादव वोट कटेंगे और इससे भाजपा को फायदा होगा। ऐसा वह पिछले चुनाव में भी कर चुके हैं।
गौरतलब है कि महागठबंधन की ओर से बीते पटना के गांधी मैदान में हुई स्वाभिमान रैली में भी मुलायम सिंह यादव नहीं पहुंचे थे। जबकि महागठबंधन के नीतीश कुमार, लालू प्रसाद, सोनिया गांधी और शरद यादव जैसे दिग्गज सभी नेता मौजूद थे। इस रैली में सपा की तरफ से मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव शामिल हुए थे, सिवाए मुलायम सिंह के।
बता दें कि यह पहली बार नहीं जब सपा के बिहार चुनाव में भागीदारी से भाजपा को फायदा हुआ हो। इससे पिछले चुनाव में सपा 240 सीटों में से 146 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। चुनाव में भले ही एक भी सीट पर उसको सफलता न मिली हो लेकिन यादव वोट काटने की वजह से इन सीटों पर भाजपा को जरूर फायदा हुआ था।