विजयदशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पाकिस्तान को निशाने पर लिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि तालिबान बदल सकता है लेकिन पाकिस्तान नहीं बदल सकता है।
मोहन भागवत ने कहा कि भारत को तालिबान से सावधान रहने की जरूरत है। कोई कहता है कि तालिबान अब सुधर गया है तो कोई कहता है कि अभी भी वह पुराना वाला ही तालिबान है। लेकिन हमें इसको लेकर सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। तालिबान भले ही बदल गया हो लेकिन पाकिस्तान नहीं बदला।
इस दौरान उन्होंने चीन और पाकिस्तान पर तालिबान को समर्थन देने का आरोप भी लगाया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हम तालिबान के इतिहास को जानते हैं। चीन और पाकिस्तान आज तक इसका समर्थन करते हैं। भले ही तालिबान बदल गया लेकिन पाकिस्तान नहीं। साथ ही उन्होंने सवाल पूछने वाले लहजे में कहा कि क्या भारत के प्रति चीन के इरादे बदल गए हैं? इसलिए हमारी सीमा सुरक्षा को और भी मजबूत करने की जरूरत है।
विजयदशमी के अवसर पर आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के दौरान उन्होंने आजादी के बाद हुए देश के विभाजन का भी जिक्र किया। मोहन भागवत ने कहा कि जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की। वो दर्द अभी तक गया नहीं है। अपने देश का विभाजन हुआ जो अत्यंत दुखद इतिहास है। परन्तु उस इतिहास के सत्य का सामना करना चाहिए और उसे जानना चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि जिस शत्रुता और अलगाव के कारण विभाजन हुआ उसकी पुनरावृत्ति नहीं करनी है। पुनरावृत्ति टालने के लिए, हमारी खोई हुई अखंडता और एकात्मता को वापस लाने के लिए उस इतिहास को सबको जानना चाहिए। खासकर नई पीढ़ी को जानना चाहिए। खोया हुआ वापस आ सके और खोए हुए बिछड़े हुए को वापस गले लगा सकें। इसके अलावा उन्होंने जनसंख्या नीति पर नए तरीके से भी विचार करने की वकालत की और कहा कि जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में एक समस्या बन रही है। इसलिए हमें 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए और उस नीति को सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए।