PM Narendra Modi Retirement: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा था कि नेताओं को 75 साल की उम्र में पद छोड़ देना चाहिए। इसे मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने तुरंत लपक लिया और अपनी जुबानी तोप का मुंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर कर दिया। इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छिड़ गई है।
इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया है। बताना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में पांच देशों की यात्रा से लौटे हैं।
जयराम रमेश ने X पर कहा, ‘बेचारे अवार्ड-जीवी प्रधानमंत्री! कैसी घर वापसी है ये- लौटते ही सरसंघचालक के द्वारा याद दिला दिया गया कि 17 सितंबर 2025 को वे 75 साल के हो जाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री सरसंघचालक से भी कह सकते हैं कि -वे भी तो 11 सितंबर 2025 को 75 के हो जाएंगे! एक तीर, दो निशाने!।’
75 साल के हो जाएंगे मोदी और भागवत
बताना जरूरी होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत दोनों ही इस साल सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे और उनके जन्मदिन में सिर्फ 6 दिनों का अंतर है। याद दिलाना होगा कि राजनीतिक गलियारों में आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि बीजेपी में 75 साल से ऊपर के किसी भी नेता को राजनीति छोड़कर पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में चले जाना होता है और इसके लिए पूर्व डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
’75 साल की शॉल ओढ़ ली तो किनारे हो जाना चाहिए’
पीएम मोदी ने दिया था आंदोलन जीवी शब्द
अवार्ड जीवी वाली यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आंदोलन जीवी शब्द का जवाब हो सकती है क्योंकि जब देश में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन चल रहा था तब विपक्ष ने इसे समर्थन दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे दलों पर हमला बोलते हुए आंदोलन जीवी शब्द दिया था और कहा था कि यह ऐसे तत्व हैं जो दूसरों के द्वारा किए गए आंदोलन पर जिंदा हैं।
….आप दोनों झोला उठाइए
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा और कहा कि अब आप दोनों झोला उठाइए और एक-दूसरे का मार्गदर्शन कीजिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की जोड़ी ने संविधान और देश को बर्बाद करने का काम किया है।
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मोहन भागवत ने क्या कहा था?
मोहन भागवत ने नागपुर में आरएसएस के विचारक मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक पुस्तक के विमाचन विमोचन समारोह में यह बात कही थी। आरएसएस प्रमुख ने पिंगले की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा था कि जब किसी के ऊपर 75 साल की शॉल डाल दी जाती है तो इसका मतलब है कि वह एक निश्चित उम्र तक पहुंच गया है और उसे किनारे हटकर दूसरों को काम करने देना चाहिए।
संजय राउत ने किया था दावा
याद दिलाना होगा कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर स्थित संघ के मुख्यालय के दौरा किया था और तब शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया था कि यह दौरा प्रधानमंत्री द्वारा अपने संन्यास की घोषणा करने के लिए था। राउत ने कहा था कि आरएसएस नेतृत्व में बदलाव चाहता है। हालांकि बीजेपी ने इससे इनकार किया था और कहा था कि यह एक नियमित दौरा था।
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