केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि किसी कदम को वापस लेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खून में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 500 और 1000 रूपए के पुराने नोटों को बंद करने का फैसला सरकार कभी वापस नहीं लेगी। नायडू ने कहा कि नोटबंदी का फैसला ‘‘किसी भी हालत में वापस नहीं लिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ‘‘सुधार के लिए तैयार है।’’ उन्होंने विपक्षी पार्टियों से यह भी कहा कि यदि उनके पास कोई सुझाव है तो उसे जाहिर करें। दिल्ली देहात किसान मजदूर महापंचायत को यहां संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘वापस लेना मोदी जी के खून में नहीं है।’’ नायडू ने ऐसे समय में यह टिप्पणी की है जब तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (सहित) कुछ विपक्षी पार्टियां नोटबंदी के फैसले का पुरजोर विरोध कर रही हैं और इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रही है। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए सरकार के तैयार होने का दावा करते हुए नायडू ने विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाया कि वह हंगामा खड़ा कर बहस से भाग रही हैं।
लोकसभा और राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है, जिससे इस शीतकालीन सत्र में अब तक हर दिन दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही है। उरी आतंकवादी हमले के शहीदों की तुलना नोटबंदी के फैसले के बाद की मुश्किलों की चपेट में आकर दम तोड़ने वालों से करने के लिए विपक्षी नेताओं पर बरसते हुए नायडू ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है…..बहुत दुर्भाग्यपूर्ण । वे मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए बुधवार को नोटबंदी के खिलाफ जनसभा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए आरोप लगाया कि देश उनके हाथों में सुरक्षित नहीं है। जदयू, सपा, राकांपा और आप जैसी पार्टियां ममता का समर्थन कर रही थीं।
ममता ने कहा, ‘मैं चुनौती दे सकती हूं कि कोई भी भाजपा को मत नहीं देगा। अगर मैं आपकी जगह पर (प्रधानमंत्री) होती तो मैं लोगों से माफी मांगती। आपको इतना अहं क्या है? आपने देश में हर किसी को कालाबाजारी बता दिया है और आप खुद एक संत में बदल गए हैं।’

