राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा शुक्रवार को संसद में बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर बरसते दिखे। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए मनोज झा ने सिलसिलेवार तरीके से बेरोजगारी से लेकर कोरोना तक के मुद्दों पर अपनी बात रखी। इस दौरान वो शायरी के जरिए भी मोदी सरकार पर तंज कसते देखे गए।
अपने भाषण के दौरान मनोज झा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर भी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा- “राष्ट्रपति का अभिभाषण एक बहुत बड़ी चीज होती है, देश का ब्लू प्रिंट होता है, एक दिशा और दशा देने की कोशिश होती है। हम विपक्ष में हैं, लेकिन देश की दशा और दिशा से चिंतित अगर हम हैं तो अभिभाषण की पंक्तियों में भी वो चिंता की लकीरें दिखनी चाहिए, जब वो चिंता की लकीरें नहीं दिखती हैं, तो अहसास होता है… छात्रों पर आंसू गैस के गोले… क्या मांग रहे थे, चांद नहीं मांग रहे थे नौकरी मांग रहे थे और वो दो करोड़ वाला भी नहीं मांग रहे थे, कह रहे थे, बाकी वाला बचा हुआ दे दो, आपने लाठियां बरसाईं”।
इसके बाद मनोज झा ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इस तरह की चिंताएं अगर नहीं हैं तो भाषण कागज का पुलिंदा लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अच्छा नहीं लगता कि वो इसे कांगज का पुलिंदा कहें। आगे उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर भी जो चिंताएं सामने आनी चाहिए वे अभिभाषण में नहीं आईं।
अपने भाषण के दौरान मनोज झा ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण को दलीय दायरों से ऊपर कर देना चाहिए। इस चर्चा के दौरान राजद सांसद ने शायरी के जरिए भी मोदी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा- “बेवफा बावफा नहीं होता वर्ना इतना बुरा नहीं होता”।
मनोज झा ने सरकार पर इतिहास को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है, जिस किसी ने भी अतीत के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की, बदलने की कोशिश की, वो इतिहास के फुटनोट में चले गए, इतिहास नहीं बदल पाए। उन्होंने आगे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, नेहरू, पटेल, और बापू को लेकर भी सरकार पर कड़ा प्रहार किया। मनोज झा ने कहा कि बौनी समझ के लोग इतिहास नहीं लिख सकते हैं।
चुनाव में पाकिस्तान और जिन्ना के जिक्र को लेकर भी राजद सांसद ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहला चुनाव देश में विकास के नाम पर लड़ा गया था, आज 70 साल बाद पाकिस्तान के नाम पर लड़ा जा रहा है। पाकिस्तान में चुनाव भारत के नाम पर नहीं होता है लेकिन हमारे देश में चुनाव पाकिस्तान के नाम पर होता है।