COVID-19 महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन से देश की नरमी में फंसी अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है। सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में इकनॉमी में 23.9 प्रतिशत की अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट आई। कृषि को छोड़कर इस दौरान विनिर्माण, निर्माण और सेवा समेत सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब रहा है। सबसे अधिक प्रभाव निर्माण उद्योग पर पड़ा है, जो 50 प्रतिशत से भी अधिक गिरा है।
पहली तिमाही में जीडीपी की रिकॉर्ड गिरावट पर सोशल मीडिया पर शाम के बाद #ResignNirmala और 23.9% GDP जमकर ट्रेंड हुआ। आम से लेकर खास ने इन हैशटैग्स के साथ ट्वीट्स कर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। पूर्व Congress चीफ राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “GDP 24% तक गिरी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट। सरकार का हर चेतावनी को नज़रअंदाज़ करते रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
@GauravPandhi ने लिखा, “भारत की जीडीपी में -23.9% की गिरावट। मोदी है तो दुनिया में सबसे बड़ा गिरावट मुमकिन है! यह सभी ग्रहों में किसी भी अर्थव्यवस्था का सबसे खराब प्रदर्शन है।”
GDP reduces by 24%. The worst in Independent India’s history.
Unfortunately, the Govt ignored the warnings.
GDP 24% गिरा। स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट।
सरकार का हर चेतावनी को नज़रअंदाज़ करते रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। pic.twitter.com/IOoyGVPLS2
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 31, 2020
Series of press conference while announcing 20lakh cr package but none of it directly helped to MSME, SMEs,Farmers, Retailers,
and now -23.9 GDP shows FM is totally clueless in handling economy#ResignNirmala pic.twitter.com/Wyg7Plu785— Pritesh Shah (@priteshshah_) August 31, 2020
There is nothing to compare#ResignNirmala pic.twitter.com/yG6Yc9UiIN
— Haris Butt (@harisbutt142) August 31, 2020
Greatest FM Of All Time Vs Worst FM Of All Time
GDP 10.08% GDP -23.9%#ResignNirmala pic.twitter.com/zvTIpOKs2C
— Sridhar Ramaswamy శ్రీధర్ రామస్వామి (@sridhar1085) August 31, 2020
4. Idioms Explained.
“Act of Nirmala”
Everything WRONG with this ECONOMY right now. #ResignNirmala pic.twitter.com/Q9yNGIWYpi— Neha Chauhan (@nehajoychauhan) August 31, 2020
Indian Economy has faced shocker due to “act of incompetence”
#ResignNirmala pic.twitter.com/P0A2SpdFY2— Md Obaidullah (@mdbaid) August 31, 2020
बता दें कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इससे पूर्व वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये 25 मार्च से पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ (बंद) लगाया था। इसका असर अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों पर पड़ा है। विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 2020-21 की पहली तिमाही में 39.3 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
हालांकि, कृषि क्षेत्र में इस दौरान 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एक साल पहले 2019-20 की पहली तिमाही में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। निर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 50.3 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। खनन क्षेत्र उत्पादन में 23.3 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले 2019-20 इसी तिमाही में 4.7 की वृद्धि हुई थी। बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगी सेवा क्षेत्र में भी 2020-21 की पहली तिमाही में 7 प्रतिशत गिरावट आयी जबकि एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।