भारत में कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते केसों के बीच बंगाल चुनाव में राजनीतिक दलों के प्रचार से लेकर कुंभ मेले में भीड़ जुटने तक पर ढेरों सवाल उठ चुके हैं। हालांकि, इस बीच दिल्ली के बॉर्डर इलाकों पर जारी किसान आंदोलन अब तक जारी है। कई किसान नेता अगले कुछ दिनों में प्रदर्शनस्थलों में और भीड़ जुटाने की बात भी कह चुके हैं। इसी मुद्दे को लेकर एक टीवी डिबेट में विश्लेषक रमणीक मान और भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के बीच बहस हो गई। जहां मान ने टिकैत पर नेतागिरी चमकाने के आरोप लगा दिए, वहीं टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर गलतफहमी नहीं फैलानी चाहिए।
क्या पूछा रमणीक मान ने?: रिपब्लिक टीवी की डिबेट में आए रमणीक मान ने राकेश टिकैत से पूछा- “आप कह रहे हैं कि यह भी साजिश है कि सरकार कोरोनावायरस का बहाना लगाकर आपका आंदोलन खत्म करना चाहती है। मैं पूछता हूं कि कोरोना है या नहीं। आप मान जाइए कि कोरोना है। दूसरी बात आप ये मान लीजिए कि जिस तरह आप कॉल दे रहे हैं कि आप चार-चार जिलों की ड्यूटी लगाएंगे एक-एक हफ्ता रोटेशन में और सब लोग आएंगे हॉटस्पॉट में और यहां से कोरोना लेकर गांव-देहात तक पहुंचाएंगे पंजाब और हरियाणा के।”
टिकैत जी बताइए कि अगर आपका आंदोलन इतना शुद्ध है तो इसको आप दोबारा शुरू कर लीजिएगा। अगर आपको पता है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन कम है, रेमडेसिविर कम है, बिस्तरों की कमी है, तो प्रदर्शन बंद क्यों नहीं कर देते। आप क्यों मरीज सप्लाई कर रहे हो हॉस्पिटलों को निरंतर। केवल एक कारण नजर आता है कि आपको अपनी नेतागिरी चमकानी है। आपको इंसानी जानों की कोई कीमत नहीं है। आप अपने आंदोलन की जगह पर मौत की फसल तैयार कर रहे हो और उस मौत की फसल को काटने का जिम्मा आपके सिर होगा।
टिकैत बोले- किसी सूरत में नहीं खत्म होगा आंदोलन: इस पर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा, “लोग आंदोलनस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। कोरोना गाइडलाइंस को फॉलो करते हैं। गांव से ज्यादा सुरक्षित हैं लोग यहां। आपने तो तीन महीने से आंदोलनस्थल पर जाना छोड़ दिया और निगेटिव खबरें दिखा रहे हैं, तो आपके लिए तो ये आंदोलन खराब चीज है। आप यहां आकर दिखाओ कि कैसे लोग यहां रहते हैं। आप दिखाओ। लेकिन और कोई बहाना नहीं मिला तो यही बहाना ठीक है।”
राकेश टिकैत बोले- “किसान यहां से नहीं जाएगा। किसी भी सूरत में नहीं जाएगा। बातचीत सरकार आज कर ले या छह महीने में कर ले। बंगाल में चुनाव हुए, यूपी में इलेक्शन हुए, वहां कोरोना नहीं आया। इस बारे में गलतफहमी नहीं फैलानी चाहिए।”