आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने मामले में गिरफ्तार अर्नब गोस्वामी करीब आठ दिन बाद रिहा होकर गुरुवार को एक बार फिर रिपब्लिक भारत के न्यूज रूम में पहुंचे। यहां उन्होंने अपने चर्चित डिबेट शो ‘पूछता है भारत’ का संचालन किया। डिबेट शो में मौजूद रिटायर मेजर जनरल जीडी बख्शी ने उनकी खूब तारीफ की।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अर्नब को अंतरिम जमानत मिलने पर कहा कि कुछ चीजें ऐसी हैं जो हमसे बहुत बड़ी है। ये हमारी जिंदगी और मौत से भी बहुत बड़ी है। जीडी बख्शी ने कहा कि अर्नब ने जेल से रिहा होने पर भारत माता की जय का नारा लगाया। रिटायर मेजर जनरल ने इस बीच फिर ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया। उनके साथ अर्नब गोस्वामी ने भी नारा लगाया।
बख्शी ने अर्नब को देश और परंपराओं के लिए लड़ने वाला योद्धा बताया। उन्होंने कहा इनके सिर कट जाएंगे मगर झुकेंगे नहीं। बकौल जीडी बख्शी जिस चीज के लिए हम लड़ रहे हैं वो बहुत बड़ी चीज है। मैं अर्नब से आज कहना चाहता हूं कि आज उनके पिता कर्नल गोस्वामी जहां भी हैं वो अपने बेटे और उनके रिपब्लिक भारत मीडिया नेटवर्क को बहुत फख्र से देख रहे हैं। क्योंकि अर्नब भारत के 130 करोड़ लोगों के लिए लड़े हैं। वो भारत की प्रजातांत्रिक परंपराओं के लिए लड़े।
उन्होंने कहा कि भारत शी जिनपिंग का चीन नहीं है, जहां लोग पूरे जीवन के लिए राष्ट्रपति बना दिए जाते हैं। भारत देश पाकिस्तान की तरह भी नहीं जहां सरबजीत जैसों को जेल में डालकर मार दिया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि फख्र है कि फौजी के बेटे में भय का कतरा तक देखने को नहीं मिला। अर्नब ने बख्शी के इन वाक्यों का स्वागत करते हुए उन्हें पूज्य बताया।
#ArnabIsBack | अर्नब आप अपने देश के लिए लड़े: रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी
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— Republic Bharat – रिपब्लिक भारत (@Republic_Bharat) November 12, 2020
बता दें अर्नब जब खूंखार अपराधियों से भरी तलोजा जेल में थे तब बख्शी ने उनकी रिहाई के लिए जोरशोर से आवाज उठाई। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां अभिव्यक्ति की आजादी की छूट नहीं है। मगर ऐसा होने नहीं दिया जाएगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अर्नब गोस्वामी को बुधवार को अंतरिम जमानत दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बाधित किया जाता है तो यह न्याय का उपहास होगा। टॉप कोर्ट ने विचारधारा के आधार पर लोगों को निशाना बनाने के राज्य सरकारों के रवैये पर गहरी चिंता भी व्यक्त की।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने अर्नब गोस्वामी के साथ ही इस मामले में दो अन्य व्यक्तियों-नीतीश सारदा और प्रवीण राजेश सिंह- को भी 50-50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।