उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने छह साल पहले वाराणसी में अपने कार्यकाल में साधु संतों पर हुए लाठीचार्ज के लिए शंकराचार्य शारदा-द्वारका पीठ के जगदगुरु शंकाराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि छह साल पहले जो घटना हुई थी, वह गलत थी और भविष्य में उनकी सरकार में ऐसा नहीं होगा। इसको लेकर तमाम तरह की बातें कही जा रही हैं। कहा जा रहा है कि अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव की वजह से वे ऐसा कर रहे हैं।
रिपब्लिक भारत टीवी चैनल पर एंकर अर्नब गोस्वामी ने पूछा कि छह साल बाद अखिलेश यादव को अचानक इसकी क्या जरूरत पड़ गई। वे अब माफी क्यों मांग रहे हैं। क्या उन्हें अयोध्या नरसंहार की भी जानकारी है। अयोध्या के कारसेवकों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव गोलियां चलवाई थीं। नरसंहार कराया था। उन्होंने पूछा कि क्या अखिलेश यादव उस गलती के लिए भी माफी मांगेंगे। उन्होंने कहा कि वे संत समाज से माफी मांगे।
गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज में ज्योतिष और शारदा-द्वारका पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु शंकाराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और बालकदास महाराज को उनके शिष्यों के साथ जमकर मारा पीटा गया था। घटना आधी रात को घटित हुई थी।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के हाथ से गणेश प्रतिमा को छीनकर जबरन दूसरी जगह विसर्जित कर दिया था। तत्कालीन समय में संत समाज ने इस मारपीट का जोरदार विरोध दर्ज किया था, लेकिन इसके बावजूद उस समय मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। अब मारपीट के छह साल बाद अखिलेश यादव ने माफी मांगी है।