रिपब्लिक भारत पर डिबेट के दौरान पैनलिस्ट जीडी बख्शी ने पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि इस बार डीडीसी चुनाव में 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ है। जहां खून की नदियां कही जा रही थीं वहां 50 प्रतिशत से ऊपर मतदान हुआ है। महबूबा मुफ्ती की पार्टी ने उसमें हिस्सा लिया है। जो कहती थी कि भारत की अर्थी को कंधा देने वाला नहीं मिलेगा। मैं तिरंगा नहीं उठाऊंगी। कैसे दौड़ी दौड़ी आई जब मलाई दिखी ऑफिस की। क्या पीडीपी और महबूबा मुफ्ती ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया?
बता दें कि फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले गुप्कर गठबंधन को जम्मू और कश्मीर जिला विकास परिषद चुनाव में बड़ी जीत हासिल हुई है। पिछले साल अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा हटाए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद ये पहले चुनाव थे। जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों में पहली बार हुए जिला विकास परिषद चुनावों में गठबंधन ने 13 जिलों में जीत हासिल की है। जम्मू में छह जिलों में भाजपा की जीत हुई है।
गुप्कर गठबंधन ने 100 से अधिक सीटें जीती हैं जबकि भाजपा अकेले सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और 74 सीटें जीती हैं। कांग्रेस ने 26 सीटें जीती हैं। केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों की 280 सीटों पर मतदान हुआ था। दो सीटों के सिवाय सभी सीटों के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। गठबंधन ने कश्मीर में ज्यादा सीटें जीती हैं। जबकि भाजपा ने जम्मू में अधिकांश सीटें जीतीं हैं। कश्मीर में गठबंधन ने 72 सीटें जीतीं और भाजपा ने तीन सीटें जीतीं। भाजपा ने जम्मू में 71 सीटें जीतीं।
गठबंधन ने चुनावों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने कई बाधाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उनके नेताओं ने बमुश्किल चुनाव प्रचार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने की अनुमति नहीं थी और उन्हें कैद कर दिया गया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने यह भी आरोप लगाया कि नतीजों से पहले उनके कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था।
बता दें कि जिला परिषद को केंद्र से सीधे तौर पर आर्थिक सहायता मिलेगी। विधानसभा की अनुपस्थिति में, जम्मू और कश्मीर में लोगों और सरकार के बीच डीडीसी कड़ी होगी और प्रत्येक काउंसिल चेयरपर्सन को एक जूनियर मंत्री का दर्जा हासिल होगा।