महामारी की तीसरी लहर की गिरफ्त में आ चुकी राज्य सरकार दूसरी लहर में शहीद हुए कोरोना योद्धाओं के परिजनों को भूल गई है। वे आज भी भटक रहे हैं। परिवारों का आरोप है कि सरकार की तरफ से उनको पूछने वाला कोई नहीं है। जहां डाक्टरों को कोरोना ड्यूटी के दौरान संक्रमण होने पर इलाज का खर्च नहीं दिया गया वहीं उनके शहीद होने के बाद उनके परिवार या बुजुर्ग मां-बाप को आर्थिक सहायता तक नहीं मिली। वे इसके लिए भटक रहे हैं। इन भटकने वालों में नर्सों के अलावा अन्य कर्मचारियों के परिजन भी हैं।

दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल में काम कर चुके भूतपूर्व नर्सिंग अधिकारी राजकुमार अग्रवाल की पत्नी मीनल अग्रवाल ने बताया कि वह दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल में काम के दौरान संक्रमित हो गए थे। वे कहती हैं कि मेरे पति पिछले 10 वर्षों से अपनी सेवाएं इस अस्पताल में दे रहे थे व पिछले साल उन्होंने कोरोना काल में कई मरीजों की सेवा की।

वे पिछले साल 29 अप्रैल 21 को ड्यूटी के दौरान संक्रमण के कारण शहीद हो गए। अब दो छोटे बच्चों को (8 व 5 वर्ष) के साथ मीनल अकेले संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने दूसरे नर्सों को आगाह करते हुए एक पत्र भी लिखा है। देहांत के बाद किसी तरह की कोई भी सरकारी मदद उन्हें नहीं मिली हैं। इसी तरह कोरोना शहीद डॉ. अमित गुप्ता के पिता सीताराम गुप्ता ने बताया कि उनको भी सरकार की तरफ से पूरी मदद नहीं मिल पाई।

डॉ. अमित गुप्ता कोरोना वार्ड में ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद कई महीने इलाज के लिए भटकने के बाद दम तोड़ दिए थे। इलाज का संघर्ष करते हुए पिता पर ढाई करोड़ रुपए का कर्ज आ गया। एक ईसीजी चलाने वाले कर्मचारी के परिजनों की पीड़ा इससे भी बड़ी है उसे सरकार कोरोना योद्धा तक नहीं मानती। इसी तरह दिल्ली में कई अन्य परिवार इलाज के दौरान शहीद हुए अपने परिजनों के जाने के बाद आज तक संघर्ष कर रहे हैं।

दिव्यांग और गर्भवती महिलाएं घर से काम करें’
दिल्ली में कार्यरत सरकार के दिव्यांग कर्मियों और गर्भवती महिलाओं को घर से काम करने की छूट दी गई है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई। आदेश के मुताबिक शहर के सभी सरकारी विभागों और एजंसियों में कार्यरत गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगों को घर से काम करने की छूट रहेगी। लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है।

आदेश के मुताबिक आवश्यक या गैर-आवश्यक सेवाओं से संबंधित दिव्यांग व्यक्तियों और गर्भवती महिला कर्मचारियों को दिल्ली सरकार के सभी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, स्वायत्त निकायों, स्थानीय निकायों के कार्यालयों में जाने से छूट रहेगी। आदेश में कहा गया कि छूट प्राप्त कर्मचारी घर से काम करते समय मोबाइल फोन या ईमेल के माध्यम से अपने कार्यालयों के संपर्क में रहेंगे। इससे पहले डीडीएमए ने गैर-जरूरी सेवाओं से जुड़े दिल्ली सरकार के सभी कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्देश दिया था।