सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के लिए बजट पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत का बजट है तो वहीं पर विपक्ष ने कहा कि इस बजट में युवाओं और बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है, आम आदमी को इस बजट से कोई लाभ नहीं होगा। बजट को लेकर ही एक चैनल पर डिबेट चल रही थी जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मौजूद थे।
डिबेट के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया था। वहीं 2017 में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में उत्तर प्रदेश में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था। युवाओं को भी उम्मीद थी। लेकिन जब यह सब कुछ नहीं हुआ और प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पकौड़े तलो, तब युवाओं का सपना कैसे चकनाचूर होता है, इसको समझने के लिए 56 इंच का सीना नहीं बल्कि एक धड़कता दिल चाहिए।
रोजगार के सवाल पर एंकर ने बीजेपी प्रवक्ता तुहिन सिन्हा से सवाल किया तो तुहीन सिन्हा ने CMIE के डाटा का उल्लेख करते हुए कहा कि CMIE के डाटा के अनुसार उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर पिछले 2 सालों में सबसे नीचे है। उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत है।
बीजेपी प्रवक्ता के इस जवाब पर एंकर ने नीति आयोग के आंकड़े का उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार के 52 फ़ीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, जबकि झारखंड के 42 फ़ीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के 38 फ़ीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। उत्तर प्रदेश में देश की 17 फ़ीसदी आबादी रहती है और जो गरीब है वही तो बेरोजगार है।
एंकर के इस सवाल के जवाब में बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि 2020-21 में मनरेगा के तहत करीब 11 करोड़ लोगों को काम मिला है जबकि 1 करोड़ 30 लाख नए कार्ड बनाए गए हैं। इसके बाद एंकर ने पूछा कि साल में 100 दिन मनरेगा के तहत काम मिलने को आप रोजगार मानते हैं? इसके जवाब में बीजेपी प्रवक्ता ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि हमने बहुत सारे नियमों में परिवर्तन किए हैं, इसमें नहीं हो पाई है। इसमें भी हम करेंगे और यह प्रक्रिया लंबे समय से चली आ रही है।
इसके बाद एंकर ने पूछा कि आपने दो करोड़ नौकरियां का वादा किया था, अब तक 15 करोड़ सृजित हो जाने चाहिए थे। इसके जवाब में बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि स्थिति पिछले 2 सालों में खराब रही है लेकिन इतनी खराब नहीं जितनी विपक्ष बता रहा है। कोरोना काल में हर एक परिवार चाहता है कि एक सरकारी नौकरी उसके घर में रहे। इसके बाद एंकर ने पूछा कि आपकी इसको लेकर कोई जिम्मेदारी नहीं है? बजट में इसका कितना जिक्र हुआ? इसके जवाब में बीजेपी प्रवक्ता जवाब देते हुए कहते हैं कि कल का बजट संक्षेप बजट था और इसका भी जिक्र आगे होगा।
इसके बाद एंकर ने पूछ लिया कि 98 लोगों के पास जितनी संपत्ति है उतनी देश के साढ़े 55 करोड़ लोगों के पास है। आप सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं। इसके जवाब में बीजेपी प्रवक्ता बिना सिर पैर की बात करने लगे और बोलने लगे कि यह असमानता वर्षों से चली आ रही। हम इसको कम करने का प्रयास कर रहे हैं। आज देश में हवाई अड्डों का निर्माण हो रहा है, इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलपमेंट हो रहा है लेकिन वहां पर नौकरियों के संबंध में अपडेट नहीं हो पा रहा है।