प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में फेरबदल पर कांग्रेस ने तंज कसा है। सरकार से कई बड़े चेहरों ने इस्तीफा दिया है। जिनकी जगह नए लोगों को जिम्मेदारी दी जाएगी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंत्रियों के विस्तृत प्रदर्शन की समीक्षा करने के बाद यह फेरबदल हुआ है। इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने मामले पर ट्वीट किया है।
नेता ने ट्वीट किया, “इस्तीफा देने वाले नेताओं के लिए एक सबक है। अगर चीजें सही होती हैं तो इसका श्रेय पीएम को जाएगा, अगर चीजें गलत होती हैं तो मंत्री बाहर होंगे। जरूरत से ज्यादा फरमाबरदार होने और गुलामी करने की यही कीमत चुकानी पड़ती है।” मालूम हो कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और उनके डिप्टी अश्विनी चौबे ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया है। चिदंबरम ने कहा कि कोविड महामारी से निपटने को लेकर सरकार ने अपनी नाकामी कुबूल कर ली है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण COVID-19 के आपराधिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं। क्या पीएम अपनी विफलताओं की जिम्मेदारी लेंगे? या पीएम केवल डॉ हर्षवर्धन को पीएम की विफलताओं के लिए बलि का बकरा बनाएंगे?”
The resignations of the Union Health Minister and the MoS Health is a candid confession that the Modi government has utterly failed in managing the pandemic
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 7, 2021
कांग्रेस के एक अन्य पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “बेचारे डॉ हर्षवर्धन, एक अच्छे आदमी को उच्चतम स्तर पर स्मारकीय विफलताओं के लिए बलि का बकरा बनाया गया है”। जैसे-जैसे शाम हुई, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और कानून मंत्रालयों के मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय को संभालने वाले प्रकाश जावड़ेकर और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भी पद छोड़ दिया।
चिदंबरम ने लिखा, “यदि केंद्रीय शिक्षा मंत्री और उनके MoS को इस्तीफा देने के लिए कहा जाता है, तो यह नई शिक्षा नीति के बारे में क्या कहता है जिसे बड़ी धूमधाम से अनावरण किया गया था? NEP की राज्यों, राजनीतिक दलों, शिक्षाविदों, शिक्षकों, शिक्षाविदों और विद्वानों द्वारा आलोचना की गई है।” उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भी दरवाजा दिखाया जाए।
इन तीन के अलावा, जिन्हें आज के फेरबदल से पहले सरकार से बाहर होना पड़ा, उनमें डीवी सदानंद गौड़ा, थावरचंद गहलोत, जिन्हें राज्यपाल बनाया गया, संतोष कुमार गंगवार, बाबुल सुप्रियो, धोत्रे संजय शामराव, रतन लाल कटारिया और प्रताप चंद्र सारंगी शामिल थे।

