प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी कैबिनेट में बड़ी फेरबदल कर दी है। कई पुराने मंत्रियों को कार्यभार से मुक्त किया गया है तो कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह भी मिली है। संभावित मंत्रियों से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आवास पर मुलाकात की थी। इस बार मोदी मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों को प्रमोशन भी दिया गया है।
आइए जानते हैं कि मोदी की टीम में कौन से नए चेहरे शामिल हए हैं।
मोदी कैबिनेट विस्तार live blog
IAS अश्वनि वैष्णव बाजपेयी के साथ पीएमओ में कर चुके हैं काम
ज्योतिरादित्य सिंधियाः ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से मध्य प्रदेश की सरकार बदल गई थी। वह 22 विधायकों के साथ विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद मार्च 2020 में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई। ज्योतिरादित्य वर्तमान में राज्यसभा के सांसद हैं।
नारायण राणेः नारायण राणे मराठा आरक्षण मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखते आए हैं। वह उद्धव ठाकरे के खिलाफ अकसर बयान देते रहते हैं। 16 साल में वह चार पार्टियां बदल चुके हैं। वह कांग्रेस में भी रह चुके हैं। शिवसेना की सरकार में वह एक साल मुख्यमंत्री भी रहे। भाजपा चाहती है कि नारायण राणे के माध्यम से वह मराठा युवाओं को अपनी ओर खींच ले।
अनुप्रिया पटेलः अनुप्रिया पटेल का अपना दल एनडीए का हिस्सा है। लंबे समय से वह एनडीए के साथ हैं। 2014 में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। वह स्वास्थ्य राज्यमंत्री रह चुकी हैं। मंत्रिमंडल में शामिल होने से एनडीए के ओबीसी वोट मजबूत हो सकते हैं।
पशुपति पारसः पशुपति पारस का नाम इन दिनों काफी चर्चा में रहा है। वह चिराग पासवान के चाचा हैं। पशुपति पारस ने पांच सांसदों के साथ अलग गुट बना लिया और चिराग पासवान को अलग कर दिया। अब चिराग पासवान पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी से भी आग्रह किया था कि पशुपति पारस को कैबिनेट में जगह न दें।
सर्बानंद सोनोवालः सर्बानंद सोनोवाल असम के मुख्यमंत्री थे लेकिन इस बार उनसे कमान लेकर हेमंत बिस्वा सरमा को सौंप दी गई। मोदी के पहले कार्यकाल में वह दो साल तक युवा मामलों के राज्यमंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं। 2014 में वह असम की लखीमपुर सीट से भाजपा के टिकट से जीते थे। हालांकि 2016 में उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। 2011 में उन्होंने भाजपा का दामन थामा था।
मीनाक्षी लेखीः मीनाक्षी लेखी भाजपा से दो बार सांसद रह चुकी हैं। वह सुप्रीम कोर्ट की वकील रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ ही वह महिला आयोग से भी जुड़ी रही हैं। कई वर्षों तक वह भाजपा की प्रवक्ता के तौर पर भी काम करती रहीं। उन्होंने भाजपा के साथ करियर 2010 में शुरू किया था।