हरियाणा में सरकार बनाने की उम्मीद लगाए बैठी कांग्रेस पार्टी की हार और दस साल बाद भी सत्ता से दूर रहने पर कई तरह की सियासी चर्चाएं हो रही हैं। इस बीच केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी कांग्रेस पार्टी पर तंज कसा है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “डायनासोर वापिस आ सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी बिलकुल नहीं आ सकती।” उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर भी इसको लेकर पोस्ट किया है।

रवनीत सिंह बिट्टू पहले कांग्रेस में ही थे

रवनीत सिंह बिट्टू खुद पहले कांग्रेस में रहे हैं। इस साल लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस पार्टी से अलग होकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट भी दिया था, हालांकि वह हार गए। इसके बावजूद उन्हें मंत्री बनाया गया। हाल ही में वह राज्यसभा सदस्य बने हैं। रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब कभी सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने कुछ दिनों पहले अमेरिका में सिखों की पगड़ी को लेकर राहुल गांधी के बयानों की भी तीखी निंदा की थी।

रवनीत सिंह ने दूसरों को नसीहत देने पर भी कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपने अंदर ही नसीहत देनी चाहिए। उन्हें अपने नेता राहुल गांधी के बयानों को देखना चाहिए। बिट्टू ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं आ पाएगी।

हरियाणा में इस बार बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आई है। पार्टी को विधानसभा में 90 में से 48 सीटों पर सफलता मिली है। कांग्रेस पार्टी को केवल 35 सीटें ही मिली हैं। बीजेपी इस बार पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाएगी। नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में पार्टी को मिली यह सफलता दूसरे राज्यों के लिए भी जीत का रास्ता बनेगी।

उधर, हरियाणा में सत्ता में वापसी के बाद, बीजेपी को उम्मीद है कि इसका महाराष्ट्र में भी असर होगा, जहां चार महीने पहले 48 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतने के बाद से एमवीए उत्साहित दिख रहा है। कांग्रेस अब मजबूत स्थिति में चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर जटिल बातचीत के बीच बीजेपी को दूसरी हवा मिलेगी।

मंगलवार को जब हरियाणा में रुझानों से संकेत मिला कि बीजेपी सत्ता में लौट रही है, तो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोगों के अटूट विश्वास की पुष्टि करता है। अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना दिखाता है कि भारतीय लोकतंत्र मजबूत है।”