मशहूर पत्रकार रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाला है, जिसके साथ उन्होंने एक गाने का वीडियो भी शेयर किया है। दरअसल यह गाना देश के बेरोजगारों के हालात पर लिखा गया है। गाने को शेयर करते हुए रवीश कुमार ने लिखा कि ‘बेरोजगारों का गाना देखकर रोना आ गया।’

रवीश कुमार ने बताया कि यह गाना सुनकर मन उदास हो गया। परीक्षाओं के इंतजार का दुख अब बेरोजगारों के मनोरंजन का साधन बन गया है। मगधी ब्वायज द्वारा गाया गया गाना बिहार सरकार में बेरोजगारी और प्रतियोगी परीक्षाओं के रिजल्ट के इंतजार पर आधारित है, जिसे सोशल मीडिया पर खासा पसंद किया जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग इस गीत को लाइक और शेयर कर चुके हैं।

गीत शेयर करते हुए रवीश कुमार ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि युवाओं की राजनैतिक चेतना समाप्त हो चुकी है और बेरोजगारी ने उन्हें दयनीय बना दिया है। यही वजह है कि वह अपनी समस्या भी आरती के रूप में बता रहे हैं। रवीश ने लिखा कि युवाओं के भीतर का विपक्ष खत्म हो चुका है।

रवीश कुमार बेरोजगारी के मुद्दे को कई बार उठा चुके हैं। बीते दिनों जब बड़ी संख्या में छात्रों ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था, तब भी रवीश कुमार ने सरकार पर निशाना साधा था।

अपने टीवी कार्यक्रम में भी रवीश कुमार कोरोना काल में करीब 2 करोड़ लोगों की नौकरी जाने का दावा कर चुके हैं। जिनमें से 81 लाख लोग जुलाई और अगस्त माह में ही बेरोजगार हुए हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के सर्वे का हवाला देते हुए रवीश कुमार ने कहा कि नौकरियां गंवाने वाले ये सभी लोग नियमित सैलरी पर काम करने वाले लोग हैं।