दक्षिण हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी कलह जोर पकड़ रही है। जहां एक तरफ केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह दक्षिण हरियाणा में भाजपा की मजबूती और अपने प्रभाव को बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं भाजपा में ही उनके विरोधी आरती राव को अटेली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हराने की चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं।

राव इंद्रजीत सिंह शुरू से ही अपनी पुत्री आरती राव को राजनीति में समायोजित करने के लिए पुरजोर प्रयासरत थे, लेकिन भाजपा ने वर्ष 2014 और 2019 के विधानसभा के चुनाव में उनकी बेटी को टिकट नहीं दिया। इस बार भाजपा ने राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री आरती राव को अटेली से प्रत्याशी बनाया तो भाजपा में राव विरोधी गुट सक्रिय हो चला।

दक्षिणी हरियाणा की रेवाड़ी सीट से भाजपा के विधायक रहे रणधीर सिंह कापड़ीवास भी एक ऐसा चेहरा हैं जो राव इंद्रजीत सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कापड़ीवास अब भाजपा से बागी होकर राव इंद्रजीत के खिलाफ खुलकर मुखर हो चुके हैं। बुधवार को उन्होंने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को धृतराष्ट्र कहा था।

राव इंद्रजीत के विरोधी गुट में हैं भाजपा के ये नेता

सियासी चर्चाओं के अनुसार भाजपा में राव विरोधी गुट की कमान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव के हाथ में हैं। मनोहर लाल, सुधा यादव, अरविंद यादव, राव नरबीर सिंह, रणधीर सिंह कापड़ीवास और अभय सिंह हरियाणा में उनको चुनौती देते रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि राव इंद्रजीत सिंह से नजदीकियों के कारण भाजपा प्रदेश के वरिष्ठतम नेता रामबिलास शर्मा को महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से हाथ धोना पड़ा। राव की बेटी आरती राव को अटेली विधानसभा सीट से चुनाव हरवाने के लिए कापड़ीवास जतन कर रहे हैं।

कापड़ीवास ने टिकट कटने पर वर्ष 2019 में रेवाड़ी सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुनील मूसेपुर की जमकर खिलाफत की और निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव राव की जीत में मदद की थी। हालांकि भाजपा ने कापड़ीवास को पार्टी विरोधी होने पर पार्टी से निकाल दिया था। इसके बावजूद उन्होंने हरियाणा भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं से लगातार मेल-जोल बनाए रखा। इस साल लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने फिर से उनकी पार्टी में वापसी करवाई। कापड़ीवास ने माना कि उन्होंने इस बार रेवाड़ी विधानसभा सीट पर भाजपा टिकट के बारे केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव से बात करने की कोशिश की थी लेकिन यादव के महाराष्ट्र में अति व्यस्तता के कारण बातचीत नहीं हो सकी। लिहाजा पार्टी ने लक्ष्मण यादव को रेवाड़ी विधानसभा से पार्टी का टिकट थमा दिया। टिकट कटने पर कापड़ीवास बागी हो गए।