आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को उम्मीद जतायी कि राम मंदिर का निर्माण उनके जीवन काल में ही संपन्न होगा। भागवत ने यहां कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘राम मंदिर का निर्माण सबसे बड़ा लक्ष्य मेरे जीवन काल में हकीकत बन सकता है। उन्होंने कहा कि हो सकता हैं कि हम उसे अपनी आंखों से देखें।’
भागवत ने कहा, ‘कोई नहीं कह सकता कि मंदिर का कैसे और कब निर्माण होगा लेकिन हमें इसके लिए तैयारी करने और तैयार रहने की जरूरत है।’ भारतीय संस्कृति में सबको समाहित करने और हर किसी को साथ लेने में यकीन रखने वाला बताते हुए भागवत ने कहा ‘हम विविधता में एकता की बात करते हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘यह है भारतीय संस्कृति।’
लिहाजा अयोध्या का विवादित बाबरी ढांचा टूटने के 25 साल बाद भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) वहां पर भव्य मंदिर बनाने के लक्ष्य पर कायम है। संघ सबको साथ लेकर इस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भगवान राम भारत के कण-कण में बसे हैं। राम मंदिर निर्माण का संकल्प पूरा होकर रहेगा। इसके लिए एक भव्य लक्ष्य मेरे सामने है। हमको भव्य मंदिर बनाना है।