पूरे देश में इस समय अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की चर्चा है। आने वाली 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है। मंगलवार को राहुल गांधी द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर पहली बार कोई प्रतिक्रिया दी गई। राहुल गांधी की प्रतिक्रिया राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को पसंद नहीं आई।

उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि यह राजनीति नहीं धर्मनीति है। कल कांग्रेस पार्टी के नेता यहां आए थे। हमने सबको सम्मानित किया। हमें किसी पार्टी से मतलब नहीं है। जो यहां आता है, हम उसे राम भक्त समझते हैं। हम राजनीति से परे हैं।

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

  1. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अयोध्या में 22 जनवरी के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम को ”चुनावी, राजनीतिक और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं आरएसएस का कार्यक्रम” बना दिया गया है जिस वजह से पार्टी के प्रमुख नेताओं ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया।
  2. अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, “राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक और ‘नरेंद्र मोदी फंक्शन’ बना दिया है। यह संघ और भाजपा का कार्यक्रम बन गया है। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे।”
  3. उन्होंने कहा, ”हम सभी धर्मों के साथ हैं। हिंदू धर्म से जुड़े सबसे प्रमुख लोगों (शंकराचार्य) ने भी अपने विचार प्रकट किए हैं कि यह एक राजनीति कार्यक्रम है। इसलिए हमारे लिए ऐसे किसी कार्यक्रम में जाना बहुत मुश्किल है जिसे प्रधानमंत्री और संघ के इर्द-गिर्द तैयार किया गया है।” 
  4. कांग्रेस नेता दावा किया कि यह चुनावी कार्यक्रम है, और इसके जरिये ‘चुनावी माहौल’ तैयार किया जा रहा है। उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी का कोई भी व्यक्ति जो भी दर्शन के लिए जाना चाहता है, वह जा सकता है। उन्होंने कहा, “जो सचमुच धर्म को मानते हैं, वो धर्म के साथ निजी रिश्ता रखते हैं। वे अपने जीवन में धर्म का प्रयोग करते हैं। जो धर्म के साथ सबको दिखाने का रिश्ता रखते हैं, वो धर्म का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।”
  5. राहुल गांधी ने कहा, “मैं अपने धर्म का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करता हूं, मैं अपने धर्म के सिद्धांतों पर जिंदगी जीने की कोशिश करता हूं। इसलिए मैं लोगों की इज्जत करता हूं, अहंकार से नहीं बोलता, नफरत नहीं फैलाता। मेरे लिए हिंदू धर्म यही है।”