Ram Mandir Pran Prathistha: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 11 दिन का विशेष अनुष्ठान पूरा हो गया। इसके बाद अनुष्ठान के आचार्य नरेंद्र गिरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चरणामृत देकर उनके 11 दिनों के अनुष्ठानों को पूरा कराया है। चरणामृत लेने के बाद प्रधानमंत्री ने नरेंद्र गिरी को झुककर प्रणाम किया।
आचार्य नरेंद्र गिरी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कठिन तप किया और वह तपस्वी हैं। प्रधानमंत्री ने जिस तरह प्राण प्रतिष्ठा से पहले दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के मंदिरों में जाकर दर्शन किए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने राम जी के महत्त्व से जुड़े मंदिरों का दर्शन कर सबको आह्वान किया की वे अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हों।
वहीं पीएम मोदी मे अपने भाषण में कहा कि उन्होंने अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे। मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली।
मोदी ने आगे कहा कि मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी की मानसिकता को तोड़कर राष्ट्र उठ खड़ा हुआ है। अतीत के हर दंश से हौसला लेता हुआ राष्ट्र ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे।
मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक के मोहन भागवत, सीएम योगी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास और महासचिव चंपत राय मौजूद रहे।