जनवरी 22 को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी सहित देश की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल होने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर के निर्माण को मंजूरी देने से पहले यह मुद्दा काफी विवादित रहा था। लंबे वक्त तक दो पक्ष अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ते रहे। पहले इलाहबाद हाईकोर्ट में मामला जेरे बहस रहा और फिर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा।
विपक्ष यह आरोप लगाता रहा है कि यह कार्यक्रम बीजेपी और आरएसएस की ओर से किया जा रहा है एक कार्यक्रम है। इस मामले में लंबे वक्त तक वकालत के जरिए जुड़े रहे भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में ऐसे ही कई सवालों के जवाब दिए हैं।
अतीत पर क्या विचार हैं?
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद इस मामले से काफी करीब रहे हैं और कानूनी मामलों को भी जानते रहे हैं। वह कहते हैं,”इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी अहम है, मुस्लिम पक्ष कोई सबूत पेश नहीं कर सका कि पिछले 100 सालों तथाकथित बाबरी ढाँचे पर उनका विशेष कब्ज़ा था ये जगह उनकी है। रिकॉर्ड पर इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि यह जगह भगवान राम का जन्म स्थल था और जन्म स्थान पर हिंदुओं की आस्था कभी नहीं डिगी।”
वह आगे कहते हैं, “भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के निष्कर्षों ने यह भी स्पष्ट रूप से स्थापित किया है कि 8वीं-9वीं शताब्दी के एक बहुत पुराने मंदिर के खंडहरों पर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी। इसलिए एक सवाल जो मैं उठाना चाहूंगा वह यह है कि इन वैज्ञानिक निष्कर्षों को देखते हुए राम जन्मभूमि विवाद के मामले में वैसी ही राजनीतिक कुशलता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन क्यों नहीं किया गया जैसा कि सोमनाथ के मामले में किया गया था?”
वाह आगे उदाहरण देते हुए कहते हैं,”जब भारत आज़ाद हुआ तो पूरा देश रानी विक्टोरिया, लॉर्ड हार्डिंग, किंग जॉर्ज पंचम की मूर्तियों से अटा पड़ा था…उन्हें हटाया गया या नहीं? क्यों? क्योंकि वे रचनात्मकता की मूर्तियाँ नहीं बल्कि गुलामी के प्रतीक थे। वही रवैया यहां भी दिखाया जाना चाहिए था।”
बीजेपी-आरएसएस का कार्यक्रम?
इस सवाल के जवाब में रविशंकर प्रसाद कहते हैं,”यह मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनाया जा रहा है। इसके लिए कोर्ट ने एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. किसी भी राज्य निधि का उपयोग नहीं किया जा रहा है। लेकिन पीएम मोदी ने इस खूबसूरत मंदिर को बनाने, अयोध्या को एक महान शहर बनाने की पहल की। क्या वहां इतना खूबसूरत हवाई अड्डा, सुविधाएं, रेलवे स्टेशन होता? लेकिन उन्हें (विपक्ष को) एक बहाने की जरूरत थी… कांग्रेस ने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए लड़ाई लड़ी, वे जानते हैं कि (महात्मा) गांधीजी ने राम राज्य की बात की थी। अफसोस है कि वे नहीं जा रहे हैं, भविष्य की पीढ़ी उनसे सवाल पूछेगी।”