राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे। करीब 7 हजार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को निमंत्रण दिया गया है। अब एक सवाल लोगों के मन में आ रहा होगा कि राम मंदिर क्षेत्र कैसा होगा? इसको लेकर श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी है।
चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर परिसर का अधिकांश क्षेत्र हरा-भरा क्षेत्र होगा और आत्मनिर्भर होगा। ट्रस्ट ने अपने खुद के सीवेज और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, एक फायर ब्रिगेड पोस्ट और एक समर्पित बिजली लाइन जैसी सुविधाओं को तैयार किया है। चंपत राय ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि 70 एकड़ परिसर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हरित क्षेत्र होगा।
चंपत राय ने कहा, “हरित क्षेत्र में ऐसे हिस्से शामिल हैं जो बहुत घने हैं, और इसके कुछ हिस्सों में सूरज की रोशनी भी मुश्किल से ही छन पाएगी। हरित पट्टी में लगभग 600 मौजूदा पेड़ संरक्षित हैं। मंदिर परिसर अपने तरीके से आत्मनिर्भर” होगा, और अयोध्या नगर निकाय के सीवेज या जल निकासी प्रणाली पर कोई बोझ नहीं डालेगा।”
चंपत राय ने कहा, “कॉम्प्लेक्स में दो एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट- STP) एक डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट- WTP) और पावर हाउस के लिए एक डेडिकेटेड इलेक्ट्रिसिटी लाइन (DEL) होगी। वहां एक फायर ब्रिगेड पोस्ट भूमिगत जलाशय से पानी प्राप्त करने में सक्षम होगी।”
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या के रामकोट स्थित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय का दौरा किया। पीएम मोदी पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन और एक नए हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के लिए 30 दिसंबर को \शहर का भी दौरा करेंगे। अधिकारियों ने पहले कहा था कि वह एक रैली को भी संबोधित करेंगे। उनके दौरे को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।
चंपत राय ने बताया कि पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर परिसर 380 फीट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा। उन्होंने बताया कि मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची होगी और इसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे। चंपत राय ने कहा, “भव्य मंदिर में एक आयताकार परिधि होगी जिसे ‘परकोटा’ कहा जाएगा। यह दक्षिण भारत के मंदिरों में पाई जाती है।”