रामजन्मभमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का कहना है कि अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण के लिए 1990 में राजस्थान से पत्थर लाकर कायर्शाला में तराशने का काम चल रहा है। पत्थरों की अनुपलब्धता के चलते कुछ बरसों यह काम रुक गया था, जो शुरू हो चुका है। इसमें कुछ नया नहीं है। कुछ लोग जान बूझकर अपने वोट बैंक के लिए शोर शराबा कर रहे हैं। इसमें मीडिया का एक वर्ग शुरू से ही विरोध करता रहा है और वह वर्ग कुछ राजनीतिज्ञों के इशारे पर फिर विरोध कर रहा है। उनका उद्देश्य अपना है और हमारा उद्देश्य मन्दिर निर्माण को पूरा करना है।

नृत्यगोपाल दास ने कहा कि रामजी के मंदिर का निर्माण हमारी आस्था है। पूजा तो हो रही है। भव्य और दिव्य स्वरूप दिया जाना बाकी है। पत्थर तराशने का काम चल रहा है अप्रैल में होने वाले कुंभ के अवसर पर साधु संत वहां इकट्ठा होंगे। बैठक होगी और अगले कार्यक्रमों पर योजना तय होगी। राम मंदिर निर्माण के लिए विहिप के संरक्षक अशोक सिंहल मुख्य स्तंभ थे। उनके निधन से आंदोलन की क्षति हुई है। जल्द ही प्रयाग में बैठक होगी जिसमें सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि राम मंदिर का विवाद सुप्रीम कोर्ट में है फिर कैसे मंदिर निर्माण शुरू हो सकता है? तो उन्होंने कहा कि जब तक अदालत का फैसला नहीं होता है, तब तक हम निर्माण कहां करने जा रहे हैं। कोर्ट में सुनवाई जल्दी हो या संसद में कानून बना कर निर्माण कार्य शुरु कराने में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए रणनीति बनाएंगे।

नृत्यगोपाल दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हमें पूरी आशा है। मंदिर निर्माण में आ रही बाधाएं दूर होंगी और उनके कार्यकाल में ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने कि अयोध्या में पूरी तरह अमन चैन है कानून व्यवस्था ठीक है। अभी कुछ दिन पहले कुछ गुमराह लड़कों ने बाबरी मस्जिद का माडल बना कर रख दिया था जिस पर प्रशासन ने अपना काम किया और ऐसे लड़कों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। नृत्यगोपाल दास ने कहा कि राम भक्त धैर्य बनाएं, विरोधियों के प्रचार से सावधान रहे राम मंदिर का निर्माण हर हालत में पूरा होगा।

उधर, अयोध्या में अमन चैन का वातावरण है साधु-संत अपने मठ मंदिरों में धूप सेंकते मिल रहे हैं। मंदिरों में पूजा-पाठ राग भोेग दर्शन पूजन चल रहा है। भोर में ही सरयू नदी में स्नान ध्यान संतों का दिनचर्या है। श्रृद्धालु अयोध्या के हर मंदिर में घमते मिल जाएंगे। विश्व हिंदू परिषद की कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों को देखते हुए दक्षिण भारतीय श्रद्धालु दिख रहे हैं। मीडिया में सुर्खियों बनने से पत्थर तराशने वाली कार्यशाला में कुछ भीड़ बढ़ गई है श्रद्धालु अब हनुमानगढ़ी कनक भवन, रामजन्मभूमि और कार्यशाला को दर्शनीय बिंदु के रूप में दर्शन पूजन करते मिले।

चेन्नई से आए श्रीनिवासन कहते हैं कि मीडिया में खबर पढ़ कर आया था। यहां कायर्शाला में कुछ नहीं दिखा। हम लोग मंदिर का निर्माण कार्य जब भी शुरू होगा, तो अयोध्या जरूर आएंगे। अयोध्या के शृंगारहाट मोहल्ले की दुकानों पर चहल पहल खूब है। यात्रियों की भीड़ हनुमानगढ़ी, कनक भवन में ज्यादा दिख रही है। अयोध्या में तैनात गुप्तचर संस्था इन दिनों तेज हो गई है। कुछ मंदिरों में रामकथा का आयोजन चल रहा है। महिलाएं बच्चे निश्चिंत भाव से घूम रहे हैं।

नयाघाट और गुजराती भवन के पास पर्यटक यात्रियों की बसें बड़ी संख्या में खड़ी दिख रही हैं। घाटों के पुजारी, माली, दूधवाले, ग्वाला प्रसन्न हैं। उनकी आमदनी आम दिनों जैसी हो रही है। हनुमानगढ़ी के इर्दगिर्द के लड्डू की दुकानों में भीड़ दिख रही है। विक्रेता भरतलाल गुप्ता बताते हैं कि यात्रियों की आवाजाही पहले जैसी है। मीडिया का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।