किसान नेता राकेश टिकैत आज हरियाणा के जींद में आयोजित महापंचायत में शामिल हुए। समर्थन में जुटी किसानों की भीड़ से राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में हमारे लिए कीलें बिछाई जा रही हैं। इन्हें हम उखाड़कर खाप के ऑफिस में रखेंगे जिससे 400 साल बाद भी याद रहे कि दिल्ली में क्या हुआ था। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ”हम खाप पंचायत को मानने वाले लोग हैं। न हमारा ऑफिस बदला जाएगा न पंच बदला जाएगा। हमारे जो 40 नेता हैं वे ही मिलकर फैसला लेंगे। आप लोगों का साथ चाहिए। जब राजा डरता है तो किलेबंदी करता है। कंटीले तारे जो हम अपने खेतों में नहीं लगाते वे वहां लगाए गए। कीले गाढ़ी गई। कीलों को उखाड़कर खाप के ऑफिस में रखेंगे और दिखाएंगे 400 साल बाद भी कि दिल्ली में ये हुआ था।”
टिकैत ने कहा, ”कीलों के ऊपर शरीर लेटेगा और जनता इसके ऊपर से जाएगी। हमने बिल वापसी की बात की है और अगर नौजवानों ने गद्दी वापसी की बात कर दी तो फिर क्या करोगे। कानून वापिस ले लो,एमएसपी की गारंटी दे दो। न कमेटी बदली जाएगी। न सरपंच बदले जाएंगे। आपको दिल्ली कूच नहीं करना है। आप यहां रहो अपना गुस्सा हमें दे दो।”
बता दें कि महापंचायत में राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी और बलबीर सिंह राजेवाल ने तीनों कानूनों को वापिस लेने की मांग की। एमएसपी के लिए कानून बनाने ,किसानों का कर्ज माफ करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और किसानों के खिलाफ दायर मुकदमों को वापिस लिए जाने की भी मांग रखी गई।
इस बीच महापंचायत का स्टेज धराशायी हो गया था। हालांकि किसी को चोट नहीं आई। बता दें कि सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद कृषि कानूनों पर गतिरोध नहीं टूटा है। 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा की घटना के बाद किसानों ने इस शनिवार को देशव्यापी “चक्का जाम” का आह्वान किया है।