दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने कहा है कि वे केंद्र से लंबी लड़ाई के लिए तैयारी कर रहे हैं। सरकार ऐसे नहीं सुनेगी। सरकार को उसी की भाषा में बताई जाएगी। नेताओं ने कहा कि हमारी जो भी मांगे हैं जब तक सरकार पूरा नहीं करेगी, तब तक आंदोलन चलता रहेगा। हालांकि किसान नेता अपनी ही बात से पलट गए। दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि “हम राजनीति नहीं कर रहे हैं, लेकिन जो जैसा समझता है उसको उसी तरह समझाते हैं। किसी की मौत पर भात के गीत कौन सुनेगा। बदलनी पड़ती है रणनीति।” उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी जड़ खोद देंगे।

उन्होंने कहा, “बंगाल में लोग जो सुनना चाहेंगे, उनको वही बताएंगे। बंगाल में कन्नड़ कोई नहीं सुनेगा, या कर्नाटक में तमिल नहीं सुनेगा। दिल्ली में गुजराती भाषा नहीं बोलेंगे। हम अप्रैल में बंगाल जाएंगे। तीन तारीख तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्यों में हम रहेंगे। इसके बाद पश्चिम बंगाल जाएंगे और वहां के लोगों को सरकार की नीतियां बताकर उनसे भाजपा को वोट नहीं देने की अपील करेंगे।” उन्होंने कहा कि भीड़ जब जुटती है तो तख्ता पलट देती है। हम तख्ता नहीं पलटेंगे, लेकिन सरकार को कानून वापस लेने पड़ेंगे।

टिकैत ने कहा, “सरकार बोली है कि कहीं भी उपज बेचो. तो ठीक है हम पार्लियामेंट के सामने बेचेंगे। जो हमें रोकने की कोशिश करेगा, उसको वहीं समझाएंगे।” कहा, “हमें तो अभी मालूम चला है कि नई मंडी के बारे में, दिल्ली की पार्लियामेंट नई मंडी है, वहीं बेचेंगे, देखते हैं कि यह सरकार कितनी उपज हमसे खरीदती है।”

बीकेयू नेता बोले, “हमने किसानों से कहा है कि लड़ाई लंबी है। वे राशन-पानी लेकर तैयार बैठें। यह सरकार बेशरम है। आसानी से नहीं सुनती है। इसके लिए दिल्ली में पार्लियामेंट में चलकर आंदोलन करना पड़ेगा।”

किसान नेता राकेश टिकैत बोले, “राजस्थान के किसान तो तैयार हो गए हैं। वे बहुत जल्द अपने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली कूच करेंगे। वहां पर सरकार को घेरेंगे।” कहा कि सरकार हमें रोकेगी तो हम सरकार को ही रोक देंगे।