दिल्ली पुलिस के अधिकारी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों से आज या कल मुलाकात करेंगे जिससे कि प्रदर्शन के लिए कोई दूसरी जगह तय हो सके। मालूम हो कि किसानों ने तय किया है कि आगामी मानसून सत्र के खत्म होने तक वे संसद के बाहर प्रदर्शन जारी रखेंगे। इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत के बयान का एक वीडियो वायरल हो गया था जिसमें वह कहते दिख रहे थे कि अगर सरकार कृषि कानूनों को वापिस नहीं लेगी तो ऐसी स्थिति में देश में ‘जंग’ हो सकती है।

केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि अब उनके निशाने पर उत्तर प्रदेश की सरकार है और उनका संगठन राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को कुर्सी से उतार कर ही दम लेगा। टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब भारतीय किसान यूनियन के निशाने पर है। संगठन आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलेगा और इस सरकार को हटा करके ही दम लेगा। टिकैत ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय किसान यूनियन भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में कामयाब रही थी, परिणाम स्वरूप पार्टी को शिकस्त का सामना करना पड़ा था। ठीक उसी तरह उत्तर प्रदेश में भी किया जाएगा।

टिकैत ने स्पष्ट किया कि भारतीय किसान यूनियन न तो चुनाव लड़ेगी और न ही किसी दूसरी पार्टी का समर्थन करेगी, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने का काम अवश्य करेगी। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार के पास अब भी वक्त है। वह तीनों कानून वापस ले ले। उन्होंने बताया कि आगामी पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसान मोर्चा की महापंचायत में किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

वहीं, प्रदर्शनकारी किसानों ने कल एक पत्र के जरिये विपक्षी सांसदों को “मतदाता व्हिप” जारी कर उनसे संसद के मानसून सत्र के दौरान हर दिन सदन में मौजूद रहने और तब तक कोई कामकाज नहीं होने देने को कहा जब तक “केंद्र सरकार सदनों में किसानों की मांग मान नहीं लेती।”