राज्यसभा में बुधवार को उप सभापति पीजे कुरियन का पिछले दिनों केरल में विरोध करने और काले झंडे दिखाए जाने के मुद्दे पर विशेषाधिकार हनन के नोटिस का मुद्दा उठा। विपक्ष व सरकार द्वारा इस घटना की कड़ी निंदा की गई। हालांकि कुरियन ने कहा कि यह घटना गलतफहमी की वजह से हुई थी और उन्होंने यह नोटिस देने वाले टीआरएस के केशव राव को इस मामले को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया।
केशव राव ने भोजनावकाश के बाद यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केरल में उप सभापति के साथ जो कुछ हुआ वह बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना में खास कर युवा मोर्चा के लोगों का हाथ है। राव ने कहा कि यह किसी व्यक्ति से जुड़ा मामला नहीं है बल्कि सदन और उसके पीठासीन अधिकारी से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि उप सभापति को निष्पक्ष ढंग से सदन चलाने का अधिकार है और इस अधिकार को चुनौती नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि सभापति को इस बारे में उनके विशेषाधिकार हनन नोटिस पर विचार करना चाहिए।
कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने उनकी मांग का समर्थन करते हुए कहा कि यह सदन की गरिमा से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मुद्दे पर सदन में विचार होना चाहिए। भाकपा के डी राजा ने कहा कि यह सभापति से जुड़ा व्यक्तिगत मामला नहीं है। यह संसद पर किया गया हमला है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि केरल में जो कुछ हुआ हम उसकी निंदा करते हैं। हम उसे सही नहीं ठहरा सकते। नकवी ने कहा कि सरकार को अखबारों की खबरों और कुछ सदस्यों के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली।
उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस बारे में केरल की पार्टी इकाई से रिपोर्ट मंगवाई है। उन्होंने कहा कि इसमें यदि कोई भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में सफाई देते हुए कुरियन ने कहा कि कुछ लोगों ने केरल में उनकी कार रोकी और उन्हें काले झंडे दिखाए।
उन्होंने ने कहा, ‘इस बारे में मुझे कोई निजी शिकायत नहीं है। यदि मुझे कुछ निजी शिकायत होती तो मैं केरल सरकार या केंद्र सरकार के सामने शिकायत करता और आपराधिक अभियोजन चलाने के लिए कहता।’ उन्होंने केशव राव से अपील की कि वह अपने इस नोटिस पर बल न दें और इस मामले को आगे न बढ़ाएं। अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन ने कहा कि वह इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे सदन को एक स्वर में इस घटना की भर्त्सना करनी चाहिए।