राज्यसभा ने अपने एक अधिकारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक, अपमानजनक और व्यंग्यात्मक पोस्ट करने पर पदावनत कर दिया है। राज्यसभा में डिप्टी डायरेक्टर (सुरक्षा) उरूजुल हसन के खिलाफ यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

राज्यसभा सचिवालय के निदेशक (निजी) के सुधाकरण के एक आदेश के मुताबिक “श्री उरूजुल हसन पर आरोप है कि उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री और कई अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक पोस्ट की थी। इसके साथ ही उन्होंने सक्रिय राजनीति से जुड़ी पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया था। राजनैतिक तटस्थता बनाए रखने में नाकाम रहने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।”

राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडु ने अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जिनके मुताबिक दोषी अधिकारी के पद को पांच साल के लोअर ग्रेड का कर दिया गया है। इसके साथ ही अधिकारी के वेतन में भी पांच साल के लिए कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी। आदेश में ये भी कहा गया था कि दोषी अधिकारी फिर से अपने वरिष्ठ पद तक नहीं पहुंच सकेंगे।

डिमोशन (पदानवत) की प्रक्रिया 10 फरवरी से लागू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा सचिवालय पिछले 9 से 10 महीने से उरूजुल हसन की गतिविधियों पर नजर रख रहा था। सेंट्रल सिविल सर्विस (कंडक्ट) रूल्स, 1964 और राज्यसभा सचिवालय के रूल 14 के तहत दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है।

सूत्रों के अनुसार, हसन ने पीएम मोदी के खिलाफ कुछ अपमानजनक ट्वीट और फेसबुक पोस्ट किए थे। हालांकि बाद में ये पोस्ट डिलीट कर दी गई थीं। मामला सामने आने के बाद मामले की जांच शुरू की गई और आरोपी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।

वहीं इस मामले को लेकर जब उरूजुल हसन की प्रतिक्रिया जाननी चाही गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। फोन करने पर जिस शख्स से बात हुई, उसने खुद को हसन का भाई बताया और उरूजुल हसन को संदेश देने की बात कही थी।