राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन में अब सिर्फ एक दिन बाकी रह गया है। सभी दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। जीत-हार की गणित के साथ ही पक्ष और विपक्ष में वोटों की रणनीति पर भी तेजी से चर्चा जारी है। यूपी से बीजेपी के सभी सात उम्मीदवार बुधवार को अपना नामांकन एक साथ करेंगे। राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी के समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने तथा सपा के दूसरे सहयोगियों में असंतोष को देखते हुए बीजेपी अपना आठवां उम्मीदवार भी मैदान में उतारने पर विचार कर रही है।

यूपी में सपा के सहयोगी दल क्रास वोटिंग कर सकते हैं

यूपी में राज्यसभा की दस सीटों के लिए बीजेपी ने सात और समाजवादी पार्टी ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन सपा के सहयोगी दलों के बिखरने और असंतोष की वजह से क्रास वोटिंग की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में बीजेपी अपना आठवां उम्मीदवार उतार कर सपा के तीसरे उम्मीदवार के लिए बाधा बन सकती है।

अपना दल (कमेरावादी) की नेता ने किया सपा का विरोध

दरअसल बीजेपी का आठवां उम्मीदवार नामांकन करता है तो वोटिंग होना जरूरी हो जाएगा। समाजवादी पार्टी का सहयोगी दल अपना दल (कमेरावादी) की विधायक पल्लवी पटेल ने साफ तौर पर कहा है कि अगर वोटिंग की नौबत आती है तो वे समाजवादी पार्टी के खिलाफ मतदान करेंगी। उनके विरोध की वजह सपा के प्रत्याशियों का चयन है। उनका कहना है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पीडीए फॉर्मूले (PDA- पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग) का पालन नहीं किया। ऐसे में वह विरोध में वोट देंगी।

पल्लवी पटेल के रुख से समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। संख्या बल के हिसाब से बीजेपी मजबूत स्थिति में है। लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में समाजवादी पार्टी को पहले राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने एनडीए के साथ जाकर झटका दिया, फिर अपना दल (कमेरावादी) की विधायक पल्लवी पटेल की नाराजगी से पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

इस बीच समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने पार्टी के अंदर खुद को महत्व नहीं दिए जाने से नाराज होकर अपना राष्ट्रीय महासचिव का पद छोड़ दिया है।