राजस्थान में भाजपा की परिवर्तन यात्राओं को वैसी प्रतिक्रिया तो मिलती नहीं दिखी जिसकी पार्टी को उम्मीद रही होगी। पार्टी ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए सूबे में चार अलग स्थानों से चार यात्राएं शुरू की थी, जिनका समापन 25 सितंबर को प्रधानमंत्री की रैली के साथ जयपुर में होगा। चारों यात्राओं में कोई बड़ा नेता लगातार तो साथ नहीं चला पर बीच-बीच में सूबे के नेताओं के अलावा राष्टीय नेता और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंचे।

मसलन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा आदि। लेकिन इन यात्राओं में पिछले चुनावों के दौरान निकाली गई यात्राओं से एक बात अलग थी। सूबे की दो बार मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे कहीं नहीं दिखी। हां, एक यात्रा की शुरुआत के वक्त वे अमित शाह के साथ जरूर मौजूद रही।

ये यात्राएं सवाई माधोपुर, डूंगरपुर, जैसलमेर और हनुमानगढ़ से निकाली गई और सूबे की सभी 200 विधानसभा सीटों को कवर करने का दावा किया गया। इस दौरान एक और खबर आई। पूर्व सांसद और कद्दावर जाट नेता रहे रामनिवास मिर्धा की पौत्री ज्योति मिर्धा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई। दरअसल जाट नेता हनुमान बेनीवाल के राजग छोड़ने के बाद से भाजपा को एक जाट नेता की तलाश थी।

जहां तक वसुंधरा का सवाल है उनके अपने क्षेत्र धौलपुर में भी परिवर्तन यात्रा को ज्यादा रिस्पांस नहीं मिल पाया। अब सबकी निगाहें 25 सितंबर की प्रधानमंत्री की रैली पर टिकी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि जमीनी हकीकत से वाकिफ प्रधानमंत्री उस दिन महिला आरक्षण कानून का श्रेय लेते हुए सूबे में सत्ता मिलने की सूरत में महिला को मुख्यमंत्री बनाने का एलान कर सकते हैं। पर वसुंधरा का नाम घोषित न किया तो वे आशंकित ही रहेंगी।

उत्तराखंड और गुजरात के भाजपा नेता देख चुके हैं कि सत्ता मिलने पर आलाकमान वरिष्ठता की कद्र नहीं करता। अभी तो सबको उम्मीदवारों की सूची का इंतजार है। भाजपा ने सूबे की 200 सीटों को चार श्रेणी में बांटा है। ए श्रेणी में वे 29 सीटें हैं जहां पार्टी लगातार जीतती रही है। डी श्रेणी उन 19 सीटों की है, जहां भाजपा कमजोर है। चर्चा है कि पहले चरण में आलाकमान इन्हीं ए और डी श्रेणी वाली सीटों के उम्मीदवारों का एलान करेगा। पर अभी भी दारोमदार तो वसुंधरा की भूमिका पर ही टिका है पार्टी का। उसके बिना परिवर्तन हो पाएगा या नहीं यह देखने की बात होगी।

परिसीमन का पैमाना

यूपीए के घटक दलों की बंगलूर में हुई बैठक के दिन ही राजग ने भी अपने कुनबे को दिल्ली में जुटाकर अपनी बढ़ती ताकत का संदेश देने की कोशिश की थी। कुल 38 दल शामिल होना बताया था राजग में। पर तमिलनाडु का सहयोगी तो बिदक रहा है। दक्षिण में केरल और तमिलनाडु ऐसे राज्य हैं जहां भाजपा अभी अपने बूते कोई सीट जीतने की हैसियत में नहीं है।

कर्नाटक को दक्षिण का अपना विजय द्वार मानती आई है पार्टी। लेकिन इस बार तो पार्टी इस सूबे की सत्ता से तो बेदखल हुई ही, करारी शिकस्त भी खा गई। आंध्र और तेलंगाना में भी अपने बूते सत्ता में आने की अभी अपनी हैसियत उसके नेतृत्व को ही नहीं दिख रही। अब दो पेच और फंस गए हैं। एक तो तमिलनाडु में अन्ना द्रमुक ने लोकसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन नहीं करने का एलान किया है दूसरा दक्षिण के राज्यों की नींद परिसीमन की चर्चा ने उड़ा दी है।

अन्ना द्रमुक के संगठन मंत्री डी जयकुमार ने गठबंधन तोड़ने की घोषणा करते हुए भाजपा के सूबेदार के अन्नामलाई की खासी लानत-मलानत कर दी। फरमाया कि अन्ना दुरै, पेरियार और जयललिता के बारे में अभद्र टिप्पणी करने वालों को पार्टी गले नहीं लगा सकती। जहां तक परिसीमन का सवाल है, इसका जिक्र महिला आरक्षण कानून में आया है। लोकसभा सीटोें के परिसीमन में आबादी का फार्मूला अपनाया जाता है।

यानी दक्षिण के राज्यों की सीटें या तो घट जाएंगी या उत्तर के राज्यों की लोकसभा सीटें बढ़ जाएंगी। इससे संघीय ढांचे और संघवाद की भावना पर असर पड़ सकता है। किसी से छिपा नहीं है कि उत्तर की तुलना में दक्षिण के राज्यों की जनसंख्या काफी कम है। इसलिए अब वे मुखर हो रहे हैं कि इस पैमाने पर तो परिसीमन की बात आगे बढ़ ही नहीं सकती है?

चुनावी लड़ाई के बीच शहनाई

जहां राजनीति के क्षेत्र में हर तरफ चुनाव ही चुनाव है वहीं राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा ने दिग्गज सियासी चेहरों को अपनी शादी में आमंत्रित कर थोड़ा सुकून देने की कोशिश की है। पिछले काफी दिनों से इस जोड़े की शादी की चर्चा थी। आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा और अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा इस इस हफ्ते होने वाले अपने शादी समारोह के लिए शुक्रवार को उदयपुर पहुंचे।

शनिवार को विवाह पूर्व समारोह और रविवार को उदयपुर के ‘लीला पैलेस’ में होने वाले मुख्य समारोह में कई नामचीन नेताओं और फिल्मी हस्तियों के शरीक होने की उम्मीद है। दोनों अपने परिवारों के साथ उदयपुर के डबोक हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां से वे अपने होटल के लिए रवाना हुए। शादी के लिए परिणीति की बहन प्रियंका चोपड़ा जोनास के भी शनिवार को उदयपुर पहुंचने की उम्मीद है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ समारोह में शरीक होंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आने की भी उम्मीद है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शरीक हो सकते हैं।

(संकलन : मृणाल वल्लरी)