Rajiv Gandhi Murder: कांग्रेस (Congress) ने राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी श्रीहरन (Nalini Shriharan) और 5 अन्य दोषियों को मुक्त करने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर नराजगी जताई है। पार्टी का कहना है कि वह इसके लिए कोई कानूनी रास्ता निकालेगी और सोनिया गांधी के फैसले से भी कांग्रेस असहमत है। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने नलिनी को माफ कर दिया था, जिससे कांग्रेस ने असहमति जताई है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चौंकाने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने लोगों को चौंका दिया है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “इस मामले में कांग्रेस के विचार केंद्र सरकार के समान हैं। पार्टी सोनिया गांधी के विचार से सहमत नहीं है और पार्टी ने सालों से इस पर अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है।” उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या किसी अन्य अपराध की तरह नहीं है, यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है।
बता दें कि राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) समूह की एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। इस मामलें में 7 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, जिनमें नलिनी श्रीहरन, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, रॉबर्ट पॉयस और पेरारिवलन शामिल थे।
नलिनी की मौत की सजा को आजीवन करावास में बदल दिया गया था
साल 2000 में राजीव गांधी की पत्नी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्तक्षेप पर नलिनी श्रीहरन की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। जिस वक्त नलिनी को गिरफ्तार किया गया था, उस समय वह 2 माह की गर्भवती थी। नलिनी ने जेल से एक किताब लिखी थी, जिसमें उसने इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने कहा था कि “उसके जुर्म के लिए उस बच्चे को कैसे दोषी ठहरा दूं, वो तो अभी दुनिया में आया नहीं है, इसलिए मैं उसे माफ करती हूं।” सोनिया गांधी ने अदालत से नलिनी के लिए क्षमादान का आग्रह किया था। इसके अलावा किताब में इस बात का भी जिक्र है कि साल 2008 में तमिलनाडु के वेल्लोर की जेल में प्रियंका गांधी वाड्रा उससे मिलने गई थीं और पूछा, “तुमने मेरे पिता को क्यों मारा?”
ये सोनिया गांधी के निजी विचार, लेकिन कांग्रेस उनसे सहमत नहीं
सोनिया गांधी के इस बयान पर अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि यह उनके निजी विचार हैं, लेकिन पार्टी इससे सहमत नहीं है। साल 2014 में 6 और दोषियों की सजा को भी कम कर दिया गया था। उसी साल, तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने उन्हें रिहा करने के लिए कदम उठाए। मई में, सुप्रीम कोर्ट ने एक दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा कर दिया। इसके बाद नलिनी ने उसे और अन्य को भी रिहा करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
सिंघवी ने कहा, “हम अपने रुख पर कायम हैं। यह एक संस्थागत मामला है। एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या में एक राष्ट्र की संप्रभुता, अखंडता और पहचान शामिल है। इसलिए केंद्र सरकार भी कभी भी दोषियों को रिहा करने पर सहमत नहीं हुई है। चाहे वो कांग्रेस की सरकार रही हो या बीजेपी की।”
इससे पहले, कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा था, “पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों को मुक्त करने का सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय पूरी तरह से अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस पार्टी इसकी स्पष्ट रूप से आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य पाती है।” उन्होंने कहा, “यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया है।”