राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत कर चुके उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें की जा रही हैं और इसी क्रम में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता उनके संपर्क में हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार गहलोत खेमे से पायलट चाहते क्या हैं? सूत्रों के हवाले से India Today TV की रिपोर्ट में बताया गया कि पायलट अपने चार विधायकों को राजस्थान सरकार में मंत्री बनवाना चाहते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, पायलट का संदेश लेकर कांग्रेसी नेता राजीव सातव दिल्ली से जयपुर में गहलोत खेमे में पहुंचेंगे। इतना ही नहीं, पायलट ने इसके अलावा दो और मांगें भी रखीं हैं, जिसमें उन्होंने गृह और वित्त विभाग भी अपने खेमे के लिए मांगा है। तीसरी चीज यह है कि पायलट अपनी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की कुर्सी भी वापस चाहते हैं।
सूत्रों की मानें तो कम से कम पायलट के 12 वफादार विधायक दिल्ली में उनके साथ हैं, जबकि कांग्रेसी नेता का दावा है कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है। इससे पहले, सूत्रों ने कहा था कि अगर बगावत जारी रहती है और बाकी विधायक पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए, तब कांग्रेसी नेता रघुवीर मीणा को सचिन पायलट की जगह PCC अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
होटल पहुंचे कांग्रेस विधायक, पायलट के संपर्क में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्वः राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति समर्थन प्रकट किया गया और फिर विधायकों को जयपुर के एक होटल में ले जाया गया।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में बागी रुख अपनाने वाले उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
विधायक दल की बैठक आरंभ होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुलह की गुंजाइश होने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पायलट और दूसरे विधायक बैठक में आ सकते हैं। हालांकि, पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए।