राजस्थान के नए सीएम भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार (15 दिसंबर 2023) को अपने जन्मदिन के दिन राज्य की सत्ता संभाल ली। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिलने के बाद नए मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों की चर्चा थी, उनमें भजनलाल शर्मा का नाम नहीं था और न ही उनके बारे में कोई ऐसी उम्मीद कर रहा था। मीडिया में भी उनके बारे में कोई बातचीत नहीं हो रही थी। हालांकि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में नए लोगों को सीएम बनाए जाने के बाद राजस्थान में भी किसी चौंकाने वाले नाम की संभावना जताई जाने लगी थी। यहां 10 पॉइंट्स में भजनलाल शर्मा के बारे में यहां जानें।

  1. भजनलाल शर्मा अपने सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से की थी। एक कार्यकर्ता के रूप में वह 1992 में श्रीराम जन्मभूमि भूमि आंदोलन के दौरान जेल भी जा चुके हैं।
  2. वह पहली बार विधायक बने हैं। इससे पहले वह लंबे समय बीजेपी में पार्टी के प्रदेश महासचिव रहे। राज्य का सीएम बनने से पहले वह भरतपुर की एक ग्राम पंचायत के सरपंच भी रहे हैं। वह पहली बार 27 साल की उम्र में सरपंच चुने गए थे। वह दो बार सरपंच और एक बार पंचायत समिति सदस्य चुने गये।
  3. राजस्थान के नए सीएम भजनलाल शर्मा हमेशा सुर्खियों से दूर रहकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। इसीलिए किसी को भी उनके मुख्यमंत्री बनाए जाने की उम्मीद नहीं थी। उनको सक्रिय रूप से राजनीति करते हुए 34 साल हो गए।
  4. नए मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) और पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर विभिन्न पदों पर कार्य किया है। वह संगठन में समर्पित कार्यकर्ता माने जाते हैं। भाजपा के भरतपुर जिला सचिव और जिला अध्यक्ष बनने से पहले वह तीन बार भाजयुमो जिला अध्यक्ष रहे।
  5. भजनलाल शर्मा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई भरतपुर जिले के अटारी गांव और नदबई कस्बे में पूरी की। बाद में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में शामिल हो गए। नदबई व भरतपुर इलाके में कई सामाजिक मुद्दों पर काम करते रहे।
  6. राजस्थान के नए सीएम भजनलाल शर्मा ने 1990 में एबीवीपी के कश्मीर मार्च में सक्रिय रूप से भाग लिया और 100 अन्य कार्यकर्ताओं के साथ उधमपुर तक मार्च कर गिरफ्तारी दी थी।
  7. भजनलाल शर्मा नियमित रूप से मथुरा में गोवर्धन-गिरिराज परिक्रमा में जाते हैं, जहां बीजेपी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आया करते थे और दोनों के बीच मुलाकात भी होती थी। शर्मा जब भरतपुर में जिला अध्यक्ष थे, तब से वे जेपी नड्डा की नजर में थे।
  8. 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सहयोगी के रूप में भजनलाल शर्मा ने काम किया था। उनके काम से अमित शाह बहुत प्रभावित हुए थे।
  9. अपने गृह नगर भरतपुर को छोड़कर शर्मा ने जयपुर मुख्यालय में प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। शर्मा के पास राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री है और उनका पारिवारिक पेशा कृषि है।
  10. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी के नए विधायकों के फोटो सेशन के दौरान वह सबसे पीछे वाली कतार में खड़े थे। तब शायद ही किसी को पता रहा हो कि जल्द ही वह राज्य के नए मुख्यमंत्री बनेंगे।