राजस्थान में परीक्षाओं में नकल रोकने के नाम पर लड़िकयों के स्वेटर और दुपट्टे को उतरवाने का मामला अब राजनीतिक रूप ले रहा है। बता दें कि राजस्थान के झुंझुनूं जिले में वीडीओ परीक्षा देने पहुंची महिला अभ्यर्थियों को सेंटर्स के गेट पर ही स्वेटर उतारने को कहा गया। नियमाें की दुहाई देते हुए सेंटर्स पर प्रशासन ने पूरी आस्तीन के कपड़े उतरवा दिए। ऐसे में अभ्यर्थियों ने सर्दी के महीने में ठिठुरते हुए परीक्षा दी।
अब इस मामले में भाजपा ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। भाजपा नेता लक्ष्मीकांज भारद्वाज ने ट्वीट कर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को निकम्मा कहा। उन्होंने लिखा, “खुद नक़ल रोकने में नाकाम निकम्मी कांग्रेस की राजस्थान सरकार, ऐसी ठंड में परीक्षा देने जा रही लड़कियों के स्वेटर, चुन्नी, दुपट्टे उतरवा रही है।”
दरअसल ग्राम विकास अधिकारी की सीधी भर्ती प्रारंभिक परीक्षा जिले के छह केंद्रों पर दाे पारियाें में हुई। पहली पारी के मुकाबले दूसरी पारी में ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए। पेपर देने की जल्दबाजी में कई महिला अभ्यर्थियों ने अपने स्वेटर को उतार दिए, लेकिन कई लड़कियों के लिए यह असहजता भरा रहा।
इसको लेकर महिला अभ्यर्थियों का कहना था कि अगर सरकार नकल रोकने के लिए सख्त नियम बना रही है तो इसके साथ उसे सेंटर्स पर ऐसे इंतजाम भी करने चाहिए कि महिला अभ्यर्थियों को असहजता ना हो और खुले में अपने चुन्नी, स्वेटर, दुपट्टे ना उतारने पड़े। नहीं तो महिलाओं का इस तरह से अपमान बंद कर देना चाहिए।
मुख्य दरवाजे पर ही रखवा दिये सामान: बता दें कि परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों के जूते उतरवाए गये। शहर की सेठ नेतराम मघराज टीबड़ेवाल राजकीय महिला कॉलेज में महिला अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने से पहले दुपट्टे, स्वेटर बैग, जूते, पर्स व अन्य सामग्री को मेन गेट से पहले ही पर रखना पड़ा।
सोशल मीडिया पर लोगों ने दी अपनी प्रतिक्रिया: इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कैलाश खंडेवाल(@ik_khandelwal) ने लिखा, “और इनसे उम्मीद भी क्या रख सकते है सत्ता में होते हुए कानून व्यवस्था को मजबूत करने की बजाय जनता को विवश कर रहे हैं प्रभु 2023 कब आएगा 2 साल भगवान भरोसे।”
प्रदीप(@iamp_kumawatk) नाम के एक यूजर ने लिखा, “निक्कमेपन और नकारापन को ढकने के लिए लोग बेशर्मी की चादर ओढ़ लेते हैं। भुवनेश(@BhuvaneshPanwar) ने लिखा कि इस ठंड में जूते तक उतरवा दिये, स्टूडेंट हैं, कोई आतंकवादी नहीं।