राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि बगावत करने वाले सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है और वे केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और ‘यह सब’ पिछले छह महीने से चल रहा था।
गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों, विधायकों को मौका दिया गया, लेकिन वे न तो सोमवार को और न ही मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आए। पायलट सहित तीन मंत्रियों को उनके पदों से हटाए जाने के फैसले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने मजबूर होकर यह फैसला किया है। गहलोत ने कहा, “आज के फैसले से कोई खुश नहीं है, न पार्टी, न आलाकमान।”
उन्होंने कहा, “आखिर में मज़बूरी में हाईकमान को फैसला करना पड़ा, क्योंकि पिछले काफी लम्बे अरसे से भारतीय जनता पार्टी जो षड्यंत्र कर रही थी। इसे लेकर मैंने कई बार आगाह किया था कि षड्यंत्र बहुत बड़ा है। हॉर्स ट्रेंडिंग का षड्यंत्र है, जिसमें हमारे किसी नेता को फंसना नहीं चाहिए। यह पिछले 6 महीने से चल रहा था और हम सबको जानकारी थी। हम जानते थे कि ये बहुत बड़ा है, हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है और यह चलता रहा, चलता रहा और जो स्थिति आज पहुंची है उसी कारण पहुंची है।”
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बकौल गहलोत, “हमारे कुछ साथी गुमराह होकर चले गए। दिल्ली के अंदर और बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं हुए। उन्होंने जो कुछ भी खेल खेला था, धनबल के आधार पर। जैसे कर्नाटक के अंदर, मध्यप्रदेश के अंदर राजस्थान में। वही करना चाहते थे वो लोग। खुला खेल था और मैं समझता हूं कि उस खुले खेल में वे लोग मात खा गए क्योंकि जनता भी समझ गई है।”
सीएम के मुताबिक, “जनता का बहुत बड़ा प्रेशर है विधायकों पर। जो गए हैं, वहां उन पर बहुत बड़ा प्रेशर है कि आपको हमने चुनाव जिता कर भेजा पांच साल के लिए। मध्य प्रदेश में भी यही हो रहा है कि आप पांच साल के लिए जीतकर गए, डेढ़ साल में वापस क्यों आ रहे हो? तो यह जो स्थितियां बनी हैं देश के अंदर बहुत खतरनाक स्थिति है।”
उन्होंने आगे बताया- मैं बार-बार कहता हूं और मैं दुखी होकर कहता हूं कि जिस रूप में हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, देश के अंदर पहली बार आजादी के बाद में ऐसी गवर्नमेंट आई है देश के अंदर जो धनबल के आधार पर सरकारों को तोड़ रही है, मरोड़ रही है और अस्थिर कर रही है। आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ पहली बार देश खतरे में आ रहा है।
वह बोले- डेमोक्रेसी के लिए 70 साल हो गए। सरकारें बदली हैं, पर डेमोक्रेसी मजबूत हुई है, क्योंकि सरकारें बदली है आसानी से बदली हैं। इंदिरा गांधी चुनाव हार गईं, राजीव चुनाव हार गए, यह सब कुछ हुआ है। देश ने देखा है कोई तरह की हलचल भी नहीं हुई। जो जनता ने दिया फैसला हमें स्वीकार है और सरकार के मुख्यमंत्री बदले। प्राइम मिनिस्टर बदले यह तो देश और हमने देखा है 70 साल में।
पड़ोसी मुल्क का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा- पाकिस्तान में भी ऐसा नहीं होता था। वहां सैनिकों का शासन बार-बार होता था। पहली बार धनबल के आधार पर, धनबल भी मामूली नहीं। 20, 25, 30, 35 पता नहीं क्या हो रहा है देश के अंदर। विश्वास भी नहीं होता। अभी तक करोड़ों रूपये की इस प्रकार की ट्रेडिंग हो रही है, देश किधर जाएगा?