कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में एक महीने में 100 से अधिक बच्चों की मौत हुई। इन मौतों पर कांग्रेस पार्टी को विपक्ष की चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ रही है। इस बीच राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय को 10 जनपथ तलब किया गया। यहां उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सोनिया गांधी ने अविनाश पांडेय से वहां की स्थिति और अशोक गहलोत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी ली। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने इस मामले में उठाए गए कदमों से जुड़ी रिपोर्ट सोनिया को भेजी है।

सोनिया गांधी से मुलाकात करने पहुंचे अविनाश पांडेय ने कहा, “यह मुलाकात पहले से तय थी। इसमें कई मुद्दों पर बात हुई। कोटा में बच्चों की मौत को लेकर वे (सोनिया गांधी) काफी गंभीर हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बाबत उन्हें विस्तृत रिपोर्ट भेजी है।” सूत्रों के मुताबिक कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर दुख जाहिर करते हुए सोनिया ने पांडेय के माध्यम से इस मामले तथा राज्य में सरकार एवं संगठन के बीच तालमेल की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की।

गौरतलब है कि कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के बीते दो दिन में कम से कम नौ और शिशुओं की मौत हो गई। इसके साथ ही इस महीने अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या करीब 100 हो गई है। बीते 23-24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत को लेकर काफी हंगामा हुआ था। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें हुई हैं।

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वहीं इस मामले में बसपा अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस और स्थानीय सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, “कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से मांओं की गोद उजड़ना अति-दु:खद और दर्दनाक है। उस पर वहां के मुख्यमंत्री गहलोत और उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील तथा गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय है। इससे भी ज्यादा दु:खद है कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर महिला महासचिव का इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह उप्र की तरह राजस्थान जाकर उन गरीब पीड़ित मांओं से भी मिलतीं, जिनकी गोद उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई।” (भाषा इनपुट के साथ)