रेल मंत्री सुरेश प्रभु की ओर से पेश किए गए रेल बजट 2016 को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। सत्ता पक्ष ने बजट को विकासोन्मुखी और भविष्य की योजनाओं वाला बताया है। वहीं विपक्ष ने इसे पुराना और फ्लॉप बताया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट के बारे में कहा, ‘यह रेल बजट देश में नयी ऊर्जा का संचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। रेल बजट समाज के सभी वर्गो की सेवा करता है। यह उल्लेखनीय है क्योंकि यह ढांचागत सुविधाओं को बढ़ाते हुए रोजगार सृजित करने वाला बजट है।’ बजट भाषण की समाप्ति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सीट से उठकर सुरेश प्रभु की सीट के पास गए और हाथ मिलाकर उन्हें बधाई दी।
वहीं पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने बजट को पुराना बताया। उन्होंने कहा,’ बायो वैक्यूम को छोड़कर रेल बजट में कुछ नया नहीं है। दो इंजन कारखानों की घोषणा भी पुरानी है।’ लालू यादव ने कहा कि हल्का रेल बजट था। इसमें कुछ नहीं था। भाजपा के शासन में रेलवे पूरी तरह से पटरी से उतर गया। रेलवे ही भारत का लाइफलाइन था। देश को बुलेट ट्रेन नहीं चाहिए। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बजट को दूरदर्शी बताया। उन्होंने कहा कि, इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बजट की तारीफ करते हुए इसे जनता और युवाओं के प्रति समर्पित बताया। शाह ने कहा, ‘यह सबकी उम्मीदों को पूरा करने वाला बजट है। दूसरा बजट है जब किराया नहीं बढ़ाया गया है। वाई फाई से युवाओं को फायदा होगा।’ वहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि यह बजट नहीं था। यह तो स्टेटमेंट ऑफ इल्यूजन है। रेल बजट पेश करने के बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने सुरेश प्रभु को बधाई दी। हालांकि नई ट्रेनों का एलान न होने से वे मायूस नजर आए।