कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पैंगोंग लेक पर बन रहे चीनी पुल पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि हमारे देश में चीन एक कूटनीतिक पुल का निर्माण कर रहा है। पीएम मोदी की चुप्पी से चीन के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। अब तो ये डर है कहीं मोदी इस पुल का भी उद्घाटन करने ना पहुंच जाएं। लद्दाख की पैंगोंग लेक पर चीन के पुल बनाने का मामला गर्माता जा रहा है। पहले बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी सरकार पर तंज कसा था।

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने राहुल की बात का समर्थन किया। सियाराम मीना ने लिखा- देश की सीमा पर चीन पुल बनाये या घर बसाए, वस उनका भाषण लच्छेदार होना चाहिए। कहते हैं सबका साथ, सबका विकास। लेकिन कर दिया उल्टा सत्यानाश। न कोई घुसा था न घुसा है वो सिर्फ टेलीप्रॉम्पटर तक सीमित हैं। चीन को लाल आंखे दिखाने को कहा, दिखाई जनता को लाठीचार्ज व बर्बरता से।

एक ने कहा कि अडानी और अंबानी की स्पर्धा में कोई नहीं आना चाहिए। बाकी चीन भारत की हथियाई हुई जमीन पर कॉलोनी बनाए या पुल बनाए मोदी जी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

कुछ लोगों ने राहुल को ट्रोल भी किया। रत्नेश ने कहा- काश तुम जैसे चाटुकार दस जनपथ के गुलाम चमचों को कोई दिमाग दे दे। पप्पू चरसी का फर्ज़ी चाइना वाली ट्वीट आते ही पगला जाते हो हमारी आर्मी क्या कर रही है? क्या कोंग्रेस पार्टी को हमारी आर्मी पर विश्वास नहीं? युद्धवीर बघेला ने लिखा- मौनी बाबा की सरकार थी तब बाबा अपने देश के राज्य अरुणाचल प्रदेश में जाने में डर लगता था। एक ने कहा- भाजपा के विशेष स्टार प्रचारक जी को नमन। पप्पू की जय हो।

करमवीर ने तंज कसा- क्यों भई How is the josh? उर्दू लिपि में हिंदी का भाषण पढ़ने वाले PM को भूल गए जोश में। चीन की मदद और प्रचार, समझौता करने वाली पार्टी के नुमाइंदे! दिल्ली में चीन की पार्टी और बीजिंग में लिखित समझौता क्या था? शारदा अवस्थी ने लिखा- देश को इस राहुल नामक राहू से बचाने के लिए जात, धर्म, दल छोड़कर मोदी जी का साथ देना है।

अशोक गोयल ने लिखा- “इस जमीन पर घास का एक भी पत्ता नहीं उगता, यह जमीन हमारे किस काम की ” कहकर लक्कडबाघों के दादा ने चीन को Gift में दी थी यह जमीन. मनोज चौधरी का कहना था कि मोदीजी तो अपना काम कर रहे है पर पहले यह बत्ता की कांग्रेसी नेहरू ने चीन को भारत का अक्साई चीन का हिसा उपहार में क्यों दिया?