राहुल गांधी ने असहिष्णुता के मुद्दे पर मंगलवार को संसद में सरकार पर करारा प्रहार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मौन रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी ताकत सहिष्णुता है। इसलिए सरकार अपने लोगों की बात सुने और पाकिस्तान से कोई गलत सबक नहीं सीखे, क्योंकि वह अपने लोगों की आवाज दबाने वाला एक विफल राष्ट्र है। लोकसभा में असहिष्णुता पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज असहमति के स्वर उठाने और विरोध प्रदर्शन करने का मतलब देशद्रोह हो गया है। देश में बुद्धिजीवी व साहित्यकार सभी देश के वर्तमान माहौल पर चिंता जता रहे हैं। सम्मान वापस कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी आवाज सुनने को तैयार नहीं है। लोगों को पाकिस्तान जाने को कह दिया जाता है।
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री बात तो विकास और आर्थिक वृद्धि की करते हैं, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ लोग कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ। हमारी सबसे बड़ी ताकत सहिष्णुता है। पाकिस्तान एक विफल राष्ट्र है, क्योंकि वहां के शासकों ने अपने लोगों की बातों को नहीं सुना। अपने लोगों की आवाज को दबाया। उसकी सबसे बड़ी कमजोरी असहिष्णुता है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि कृपया पाकिस्तान से कोई गलत सबक नहीं सीखे। मैं सरकार से कहूंगा कि कृपया अपने लोगों की बात सुनें, उन्हें गले लगाएं, उन्हें समझने का प्रयास करे, उनका सम्मान करें। मैं सरकार के स्तर पर जो विरोधाभास देख रहा हूं, शायद हमारे प्रधानमंत्री इसे नहीं देख पा रहे हैं।
भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच उन्होंंने कहा कि संविधान में सभी को समानता का अधिकार दिया गया है। समान अवसर, अपनी पसंद का धर्म अपनाने का अधिकार दिया गया है। हमारे सांसद इस सदन में लोगों की सुरक्षा की शपथ लेते हैं। लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के साक्षी महाराज जैसे कुछ सांसद और वीके सिंह जैसे मंत्री गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। दलितों की तुलना कुत्ते से की जा रही है। लेकिन प्रधानमंत्री ने इन्हें फिर भी अपने मंत्रिपरिषद से नहीं हटाया। प्रधानमंत्री मौन हैं।
हरियाणा में दो दलित बच्चों को जलाने की घटना का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आंबेडकर का बेहद आदर करने वाले हमारे प्रधानमंत्री इन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि मोदीजी विदेश जाते हैं और रक्षा क्षेत्र में एफडीआइ की बात करते हैं। लेकिन यहां दादरी में मोहम्मद अखलाक मारा जाता है। जिसका बेटा भारतीय वायुसेना में है, लेकिन इस पर प्रधानमंत्री मौन रहते हैं। मोदीजी कौशल विकास की बात करते हैं लेकिन जब एफटीआइआइ के छात्र अपने संस्थान में एक औसत दर्जे के व्यक्ति को थोपने का विरोध करते हैं तो सरकार कौशल संपन्न इन छात्रों की बात सुनना जरूरी नहीं समझती।
कांग्रेस नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी गुजरात मॉडल और गुजरात शाइनिंग कह कर और लोगों से अच्छे दिन का वादा करके आए। लेकिन गुजरात मॉडल का गुब्बारा फूट गया और यह पाटीदार आंदोलन के रूप में सामने आया। पाटीदारों के खिलाफ 20 हजार एफआइआर दर्ज हुर्इं। आज हिंदुस्तान में विरोध प्रदर्शन का मतलब देशद्रोह हो गया है। असहिष्णुता का आलम यह है कि जब भाजपा के एक नेता अरुण शौरी ने मोदीजी की आलोचना की, तब ट्विटर पर उनके अनुयायियों ने उन पर हमला बोल दिया और उनके बच्चे को भी निशाना बनाया।
उन्होंने कहा कि आज नारायणमूर्ति, रघुराम राजन, पीएम भार्गव जैसे सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं, बुद्धिजीवी, लेखक अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं। सरकार उस पर ध्यान नहीं दे रही है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली इसे गढ़ा हुआ विषय बता रहे हैं। यह कोई मेक इन इंडिया नहीं है, जिसे गढ़ा जाए। लोग इस विषय को उठा रहे हैं क्योंकि वे परेशान हैं। उन्हें नजरअंदाज न करें। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए पनसारे, डाभोलकर, कलबुर्गी की हत्या के मामले को भी उठाया।