प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने हमले की धार को और तेज करते हुए राहुल गांधी ने सोमवार को उनकी ‘सूट बूट’ सरकार पर किसानों और खेत मजदूरों की दयनीय स्थिति की अनदेखी करने और उद्योगपतियों की हितैषी होने का आरोप लगाया।
राजधानी में रविवार को किसान रैली में मोदी सरकार पर किसान विरोधी और उद्योगपतियों के हितों की संरक्षक होने का आरोप लगाने के बाद सोमवार को संसद में कांग्रेस नेता ने ‘अच्छे दिन सरकार’ और ‘सूट बूट सरकार’ कहकर मोदी सरकार का मजाक उड़ाया और दावा किया कि सरकार विफल साबित हुई है।
लोकसभा में अपने 25 मिनट के भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि अच्छे दिन वाली सरकार ने किसानों के मुद्दे पर देश को निराश किया है।
प्रधानमंत्री पर चुटकी लेते हुए राहुल ने कहा- यह बड़े लोगों की सरकार है, उद्योपतियों की सरकार है। यह सभी जानते हैं। मैं प्रधानमंत्री को एक सुझाव देना चाहता हूं। आप पाला बदल लें तो आपको फायदा होगा। कॉरपोरेट क्षेत्र के लोगों से चुनाव के दौरान जो वादे किए उसे छोड़ दें और देश की 60 फीसद आबादी यानी किसानों के पक्ष में आ जाएं तो आपको फायदा होगा, क्योंकि इस देश की ताकत किसानों के हाथों में है।
देश में खेती की स्थिति पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस नेता ने कहा- आप उद्योगपतियों की मदद करने के लिए किसानों को नजरअंदाज करने की बड़ी भूल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश की 60 फीसद आबादी कृषि पर आधारित है। देश के प्रधानमंत्री राजनीति दांवपेंच जानते हैं लेकिन फिर भी 60 फीसद लोगों को नाराज क्यों कर रहे हैं, इस बारे में मैं सोच रहा हूं कि इसका कारण क्या है?
राहुल ने कहा- तब मेरे सामने यह बात आई कि जमीन की कीमत बढ़ रही है और आपके कारपोरेट के लोग इस जमीन को लेना चाहते हैं। आपकिसानों और मजदूरों को कमजोर बना रहे हैं और फिर अध्यादेश की कुल्हाड़ी मार रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उद्योपतियों की मदद के लिए जमीन अधिग्रहित करना चाहती है।
बजट सत्र के पहले चरण की शुरुआत से कुछ ही दिन पूर्व 56 दिनों के अवकाश पर चले जाने के बाद उस चरण में संसद में अनुपस्थित रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष बेहद दुर्लभ मौकों पर ही सदन में भाषण देते हैं। लेकिन सोमवार को उन्होंने लोकसभा में देश में किसानों की स्थिति पर चर्चा बहाल होने पर कमान संभाली। इस मुद्दे पर बजट सत्र के पहले चरण में चर्चा शुरू हुई थी।
बाद में राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि सदन में उठाए गए उनके सवालों का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। उनकी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी उनके भाषण की सराहना की।
भाजपा सदस्यों ने राहुल के भाषण में लगातार बाधा डाली और अपने नेता का बचाव करने खड़े हुए कांग्रेसी सदस्यों से उनकी झड़प भी हुई। संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू को सत्ता पक्ष के सदस्यों को शांत करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा और कहा कि बहस को बिना किसी व्यवधान के पूरा होने दें।
अपने भाषण के बीच में एक बार राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष के भाजपा सदस्यों से कहा कि ‘आपके प्रधानमंत्री’ जिससे वे चिढ़ गए। इस पर भाजपा सदस्यों ने जवाब में कहा कि वे देश के प्रधानमंत्री हैं। कांग्रेसी सदस्यों द्वारा अपने नेता के पक्ष में मेजें थपथपाए जाने के बीच राहुल गांधी ने कहा, ‘हां, वे देश के प्रधानमंत्री हैं। क्या वे आपके प्रधानमंत्री नहीं हैं।
राहुल ने कहा- आइटी, रक्षा या कोई अन्य क्षेत्र क्यों न हो, इन सभी का आधार किसान तैयार करते हैं। आपने चुनाव प्रचार के दौरान किसानों से कहा था कि आप उनका ध्यान रखेंगे। आप देश को कैसे मजबूत बनाएंगे जब किसान संकट में हों। केंद्र सरकार पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि यह बड़े लोगों और सूट बूट वालों की सरकार है। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की प्रशंसा करना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने कहा कि किसानों को भगवान या सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
राहुल ने फसलों को हुए नुकसान के संदर्भ में कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि विशेषज्ञों ने जो कहा वह गलत है, 106 लाख हेक्टेयर प्रभावित है। कृषि मंत्रालय कहता है कि 86 लाख हेक्टेयर प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की खासियत है, यहां कुछ बोलो, वहां कुछ बोलो फिर बोलो सब सही है। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को सलाह देना चाहूंगा कि वे खुद जाएं और देखें कि कितना नुकसान हुआ है।
इस पर कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने हस्तक्षेप किया और कहा कि आंकड़े इसलिए अलग अलग हैं क्योंकि राज्यों ने इनमें संशोधन किया है।
राहुल ने कहा- आपकी सरकार किसानों की समस्याओं को नजरंदाज कर रही है और मजदूरों की सुध नहीं ले रही है। आपकी सरकार उद्योपतियों की है, सूटबूट की सरकार है। सूट की बात अब खत्म हो गई है क्योंकि आपने उसे नीलाम कर दिया है। इस बारे में अब नहीं बोलूंगा।