प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में अपने गले मिलने को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अब भगवा पार्टी के सांसद उन्हें देखते हीं दो कदम पीछे हो जाते हैं कि कहीं वह उन्हें भी गले ना लगा लें। संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपने भाषण के बाद प्रधानमंत्री से गले मिलने को लेकर भाजपा के नेता राहुल की काफी आलोचना कर रहे हैं। हालांकि राहुल ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के नेताओं के साथ उनके मतभेद हैं और वह उनसे लड़ सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह उनसे नफरत करें। राहुल गांधी ने एक किताब के विमोचन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा आप पूरी शक्ति के साथ किसी से लड़ सकते हैं लेकिन नफरत करने की बात आप पर निर्भर करती है … मेरे ख्याल से इसे समझना बहुत जरूरी है। आडवाणी (लालकृष्ण आडवाणी) से मेरे विचार अलग हो सकते हैं , देश को लेकर उनकी और मेरी राय बिल्कुल जुदा हो सकती है। मैं हर कदम पर उनसे लड़ सकता हूं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि मैं उनसे नफरत करूं। ’’ इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हुए।

दो दिन पहले ही गले मिलने को लेकर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान आया था।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिलने पर तंज कसा था। योगी ने एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी उनसे गले मिलने से पहले 10 बार सोचेंगे। योगी से जब पूछा गया कि अगर राहुल गांधी उनसे गले मिलना चाहेंगे, तो क्या वह उनसे गले मिलेंगे? उन्होंने इसे राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि वह इस तरह से स्टंट स्वीकार नहीं करते।

उन्होंने कहा, “राहुल मुझसे गले मिलने से पहले 10 बार सोचेंगे।” लेकिन राहुल क्यों 10 बार सोचेंगे, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा। योगी ने न्यूज18 इंडिया से खास बातचीत में कहा, “राहुल गांधी बचकानी हरकतें करते हैं। उनके पास अपनी बुद्धि और विवेक नहीं है। जब कोई दूसरे के विवेक और बुद्धि से काम करता है तो किसी भी प्रकार की हरकत कर सकता है।”

राहुल को विपक्षी गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर योगी ने उलटा सवाल किया, “क्या मायावती और अखिलेश राहुल गांधी को उम्मीदवार मानेंगे। क्या शरद पवार राहुल गांधी के कमान के अंडर काम करेंगे। विपक्षी गठजोड़ का नेता कौन है?”