Rahul Gandhi On OBC: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को पार्टी की कार्यसमिति (CWC) की बैठक में एक अहम बात कही – “अगर हमें भाजपा और मोदी सरकार को हराना है, तो ओबीसी समाज को साथ लेना होगा।” राहुल की ये बात यूं ही नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक साफ रणनीति थी, जो कांग्रेस के आगामी एआईसीसी सत्र के लिए तैयार की जा रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि भारत की आबादी में ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी 50% से ज्यादा है। अगर इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग को जोड़ दिया जाए, तो यह आंकड़ा करीब 90% हो जाता है। राहुल का मानना है कि अगर कांग्रेस इन तबकों को अपने साथ जोड़े, तो पार्टी का जनाधार इतना बड़ा हो जाएगा कि भाजपा को सीधे चुनौती दी जा सकेगी। राहुल ने यह भी माना कि 1990 के दशक में कांग्रेस से एक बड़ी चूक हुई – उसने ओबीसी समाज को नजरअंदाज कर दिया। उनका कहना है कि अब वक्त है उस गलती को सुधारने का।

मल्लिकार्जुन खड़गे का बड़ा बयान

बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कुछ जगहों पर ओबीसी भी दलितों का उतना ही शोषण करते हैं जितना उच्च जाति के लोग। यह बयान दिखाता है कि कांग्रेस केवल जाति की राजनीति नहीं, बल्कि समाज में बराबरी और न्याय की बात भी कर रही है। बैठक में कांग्रेस कार्यसमिति ने उस ड्राफ्ट प्रस्ताव पर चर्चा की, जिसे एआईसीसी सत्र में रखा जाना है। इस प्रस्ताव में संगठन के हर स्तर पर मजबूती लाने की बात कही गई है, खासकर जिला स्तर की कांग्रेस कमेटियों को मजबूत करने की योजना है।

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: नौकरी गंवाने वाले टीचर्स के समर्थन में उतरे राहुल गांधी, राष्ट्रपति को लिखा पत्र

राहुल ने जोर देकर कहा कि पार्टी को “सामाजिक और आर्थिक न्याय” के मुद्दों पर फोकस करना चाहिए, ताकि भाजपा और आरएसएस के राष्ट्रवादी एजेंडे का जवाब दिया जा सके। ड्राफ्ट में राहुल गांधी की एक और मांग – जाति आधारित जनगणना को लागू करने का भी समर्थन किया गया है। साथ ही कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया है कि मोदी सरकार आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और सरकारी नौकरियों में खाली पद नहीं भर रही है।

ड्राफ्ट में कांग्रेस ने खुद को “सच्ची राष्ट्रवादी पार्टी” बताया और भाजपा-आरएसएस पर आरोप लगाया कि उनका राष्ट्रवाद केवल समाज को बांटने का काम करता है। कांग्रेस के अनुसार, असली राष्ट्रवाद वह है जो सबको साथ लेकर चले, न कि जाति-धर्म के आधार पर बांट दे। ड्राफ्ट में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों, खासकर नई टैरिफ नीति और एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भी आलोचना की गई है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि मौजूदा नीतियों से किसानों और गरीब तबकों को नुकसान होगा।