सुप्रीम कोर्ट के मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने के बाद अब जल्द ही उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल की जा सकती है। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को लोकसभा सचिवालय को अदालत का आदेश और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की सदस्यता की बहाली की मांग वाला पत्र सौंपा।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह अफसोसजनक है कि लोकसभा सचिवालय राहुल गांधी की सदस्यता को उसी तत्परता से बहाल नहीं कर रहा है, जिस तत्परता से उसने सूरत अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद मार्च में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने पुष्टि की कि कांग्रेस ने अदालत का आदेश सौंप दिया है। चूंकि स्पीकर ओम बिरला रविवार को दिल्ली से बाहर यात्रा करने वाले हैं इसलिए सूत्रों ने कहा कि अनुरोध सोमवार को की जाएगी।
कांग्रेस ने की राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने की मांग
शुक्रवार को शीर्ष अदालत का आदेश आने के तुरंत बाद चौधरी ने बिरला से मुलाकात कर उनसे गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया था। स्पीकर ने चौधरी से कहा था कि उनके कार्यालय को सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद वह फैसला करेंगे। कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी सदन में लौटें और अविश्वास प्रस्ताव में हिस्सा लें, जिस पर 8 अगस्त को चर्चा होगी।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अदालत का आदेश मिलने के बाद मैंने शुक्रवार रात स्पीकर को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि मैं राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने वाला सुप्रीम कोर्ट का आदेश सौंपना चाहता हूं और अपना पत्र भी सौंपना चाहता हूं। मैंने उनसे मिलने का समय मांगा। उन्होंने मुझसे कहा कि वह शनिवार को मुझसे मिलेंगे।
कांग्रेस ने लिखा स्पीकर ओम बिरला को पत्र
अधीर ने कहा कि मैंने स्पीकर को शनिवार सुबह फोन किया। मैंने उनसे बात की थी। उन्होंने मुझे लोकसभा महासचिव से संपर्क करने और दस्तावेज़ उनके कार्यालय को सौंपने की सलाह दी। मैंने महासचिव को फोन किया। महासचिव ने कहा कि आज छुट्टी होने के कारण उनका कार्यालय बंद है। मैंने पूछा कि फिर पत्र किसे दूं? उन्होंने मुझसे कहा कि इसे अध्यक्ष को दे दो और यह अध्यक्ष के कार्यालय के माध्यम से उन तक पहुंच जाएगा।
कांग्रेस की ओर से नियमों के मुताबिक सब किया
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मैंने अपनी पार्टी की ओर से नियमों के मुताबिक वो सब किया है। जिस स्पीड से राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया गया था उनकी बहाली भी उसी स्पीड से होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने महासचिव से कहा कि कम से कम लेटर तो ले लें। उन्होंने कहा कि आज छुट्टी है. छुट्टी का दिन है तो क्या हुआ, आपातकालीन स्थिति में पत्र प्राप्त करने की कोई व्यवस्था होनी चाहिए। महासचिव ने कहा कि एक सिस्टम है। उन्होंने कहा कि एक डाक प्रणाली है और मुझसे पत्र और आदेश के साथ किसी को भेजने के लिए कहा। मैंने पत्र भेजा, एक अवर सचिव ने इसे प्राप्त किया। हालांकि उन्होंने हस्ताक्षर किए, लेकिन मुहर नहीं लगाई।