मोदी सरनेम मामले में हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को दी गई सज़ा को बरकरार रखने का आदेश देते हुए सेशन कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। अब मानहानि का मामला दायर करने वाले शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर कर दी है। कैविएट किसी भी सुनवाई से पहले यह यह तय करने के लिए दायर किया जाता है कि बिना सुने उसके खिलाफ कोई आदेश पारित न किया जाए।
हाईकोर्ट ने क्या कहकर खारिज कर दी राहुल गांधी की याचिका
मोदी सरनेम केस में गुजरात हाईकोर्ट की तरफ से राहुल गांधी को राहत नहीं मिली थी। गांधी ने सूरत सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। मोदी सरनेम केस में सूरत सेशन कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त राहुल गांधी के खिलाफ पेंडिग 10 क्रिमिनल मामलों का भी जिक्र किया था।
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का फैसला सही है। उस आदेश में हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। सूरत सेशन कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के अगले दिन ही राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इस फैसले के खिलाफ 25 अप्रैल 2023 को राहुल गांधी की तरफ से गुजरात हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। जिसका फैसला 2 मई को गुजरात हाई कोर्ट ने सुरक्षित कर लिया था।
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क्या है पूरा मामला
दरअसल राहुल गांधी ने 2019 में दिए एक बयान के बाद यह मामला सामने आया था। कर्नाटक के कोलर में चुनावी रैली में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों होते हैं। उन्होंने कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?”।
इसके बाद गुजरात बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सूरत सेशन कोर्ट में इसके विरुद्ध याचिका दायर कर दी। इसी मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।