सजा को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की अपील पर बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात की कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। उनका कहना था कि सजा पर स्टे देना कोर्ट का हक है। लेकिन उन्हें नहीं लगता कि राहुल गांधी को किसी भी तरह की राहत अदालत से मिलनी चाहिए। उनके खिलाफ अवमानना के तकरीबन 10 मामले देश की अलग अलग अदालतों में चल रहे हैं। वो आदतन ऐसी हरकते कर रहे हैं।

पूर्णेश मोदी ने अपने जवाब में कहा कि जिस दिन कोर्ट ने राहुल गांधी को सजा सुनाई उस दिन कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता कोर्ट परिसर में मौजूद थे। वो अदालत के खिलाफ टिप्पणी भी कर रहे थे। बीजेपी नेता का कहना है कि राहुल गांधी की ये हरकतें बचकाना हैं। वो अदालत को दबाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं। उनके भीतर बहुत ज्यादा अभिमान है। वो खुद से ऊपर किसी को मान ही नहीं रहे हैं। यहां तक कि अदालत को भी नहीं।

गुजरात की कोर्ट ने राहुल को सुनाई थी दो साल की सजा

राहुल गांधी को गुजरात की ही एक कोर्ट ने मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने मोदी समाज के खिलाफ टिप्पणी करके उनको आहत किया। बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी से कोर्ट में ये केस दायर किया था। हालांकि एक बार उन्होंने अपनी अपील को रुकवा भी दिया था। लेकिन एक साल बाद वो अदालत के सामने फिर से गए और सारे मोदी चोर हैं मामले में सुनवाई की अपील की।

गुजरात की कोर्ट ने पूर्णेश की याचिका पर सुनवाई करके उनको दोषी माना और दो साल की सजा सुनाई। इसके बाद उनकी सांसदी भी चली गई। राहुल ने सजा के फैसले को चुनौती देते हुए सेशन कोर्ट में अपील की थी। उनकी अपील पर अदालत 13 अप्रैल को सुनवाई कर सकती है।

राहुल ने कहा था- मोदी सरनेम के लोग देश में 13 करोड़, सभी केस नहीं कर सकते

राहुल गांधी ने सजा के विरोध में कहा था कि उन्होंने सारे मोदी समाज को अपशब्द नहीं कहे। बल्कि उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी… जैसे लोगों के खिलाफ बयान दिया था। वो विपक्ष के नेता हैं और उनका काम सरकार की आलोचना का है। उनका कहना था कि अगर उनके खिलाफ किसी को अपील करने का हक था तो ये केवल पीएम नरेंद्र मोदी को हैं। ऐसे तो मोदी समाज के लोग देश में 13 करोड़ हैं। वो सभी केस नहीं कर सकते।