छुट्टियों से लौटने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कल शनिवार को विभिन्न राज्यों के किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे और संप्रग सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा किए गए बदलावों पर उनके विचारों को सुनेंगे ।
राहुल कांग्रेस की रविवार को होने वाली ‘किसान खेत मजदूर ’ रैली से एक दिन पहले किसानों से मुलाकात करेंगे । इस रैली में राजग सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह के साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश के विभिन्न किसान संगठनों के सदस्यों से मिलेंगे ।
किसानों के प्रतिनिधिमंडल में भट्टा परसौल गांव के किसान भी शामिल होंगे जहां से राहुल गांधी ने वर्ष 2011 में किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ ‘पद्यात्रा’ की शुरूआत की थी। यहां से शुरू हुए प्रदर्शन के परिणामस्वरूप ‘‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्बसाहट अधिनियम 2013 में उचित मुआवजे का अधिकार और पादर्शिता का अधिकार’’ कानून पारित हुआ था।
पार्टी पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ किसानों की रैली को संबोधित करेंगे ।
यह रैली एक प्रकार से राहुल गांधी की वापसी की घोषणा और पार्टी द्वारा अपनी शक्ति के प्रदर्शन के रूप में देखी जा रही है। कांगे्रस भूमि अधिग्रहण संबंधी मूल अधिनियम में किए गए बदलावों का कड़ा विरोध कर रही है।
कांग्रेस को ‘चलो दिल्ली चलो’ के अपने नारे के साथ देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में लोगों के रैली में पहुंचने की उम्मीद है। कांग्रेस एफएम रेडियो चैनलों पर इसका प्रचार कर रही है ।
उल्लेखनीय है कि 17 डिब्बों वाली ‘किसान एक्सप्रेस’ किसानों को लेकर जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना होगी और बीच में यह छह स्टेशनों पर रूकते हुए रैली वाले दिन दिल्ली पहुंचेगी।
रैली के आयोजन के लिए बनायी गयी समिति के संयोजक एवं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने रैली की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज पार्टी सचिवों के साथ बैठक की । पार्टी के राज्य के नेताओं से रैली में भारी भीड़ जुटाने को कहा गया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष 19 अप्रैल की रैली के बाद अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी भी जाएंगे ।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति और कांग्रेस समिति की बैठकों के आयोजन संबंधी लंबित मुद्दों पर फैसलों को लेकर जल्द ही स्पष्ट स्थिति सामने आएगी । इन बैठकों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने हैं ।
कब गए थे छुट्टी
राहुल गांधी ऐसे समय छुट्टी पर गए थे जब 23 फरवरी को संसद का बजट सत्र शुरू होने ही वाला था। साथ ही कांग्रेस के अखिल भारतीय सम्मेलन के बारे में चर्चा हो रही थी और ऐसी संभावना थी कि इसमें उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पार्टी ने उस समय कहा था कि राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हाल की घटनाओं और पार्टी की भावी दिशा पर चिंतन-मनन करने के लिए कुछ समय दिए जाने की अपील की थी।
क्यों मचा बवाल
अवकाश को लेकर यह अटकलें लगाई जाती रहीं कि पार्टी को अपने तरीके से चलाने की स्वतंत्रता नहीं दिए जाने से राहुल नाखुश हैं। पार्टी ने इसका आधिकारिक तौर पर खंडन किया था। उनकी गैरमौजूदगी में पार्टी के कई नेता अध्यक्ष पद पर सोनिया गांधी के बने रहने की खुली वकालत करते नजर आए और राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए। इन नेताओं में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी शामिल हैं।
आगे का कार्यक्रम
उम्मीद की जा रही है कि 19 अप्रैल को रामलीला मैदान में भूमि विधेयक मुद्दे पर पार्टी की ओर से आयोजित किसानों की रैली को संबोधित करेंगे।