दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच अरविंंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि पराली जलाने को लेकर बीजेपी पंजाब के किसानों को निशाना बना रही है। उनके मुताबिक भाजपा ऐसा इसलिए कर रही है, क्योंकि किसानों ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लााए गए कृषि कानूनों का जबरदस्त विरोध किया था। 2021 में जब अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली में प्रदूषण की ऐसी स्थिति बनी थी तब मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल ने पंजाब में पराली जलाए जाने को इसका प्रमुख कारण बताते हुए कहा था कि पंजाब सरकार अपनी जिम्मेदारी समझे और पराली जलाने की घटनाओं को कम करे। तब पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी, जो इस साल विधानसभा चुनाव में हार गई। इस बार पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं ने इस सीजन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सबसे ज्यादा घटनाएं मुख्यमंत्री भगवंत मान के क्षेत्र संगरूर में ही हुई हैं।
क्या बोले गोपाल राय?
न आंदोलन की वजह से मोदी सरकार पंजाब के किसानों से चिढ़ती है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली और पंजाब की सरकारों ने मिलकर एक प्रपोजल तैयार किया था। इसमें प्रति एकड़ राहत के तौर पर 500-500 रुपये पंजाब और दिल्ली की सरकारों ने वहन करने थे। जबकि प्रति एकड़ 15 सौ रुपये केंद्र को देने थे। लेकिन केंद्र ने इस प्रस्ताव को सिरे से ही नकार दिया। गोपाल राय का कहना था कि आप सरकारें किसानों का मर्म समझती हैं। उनका कहना है कि तभी उसने प्रस्ताव तैयार करके केंद्र को भेजा था।
राय का कहना है कि केंद्र सरकार पंजाब किसानों से घृणा करती है, क्योंकि यहां के लोगों ने दिल्ली की सीमा पर जाकर साल भर तक कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। केंद्र को कानून वापस लेने पड़ गए। उसके बाद से वो उनके पीछे पड़ी है। पराली के मामले में बीजेपी चाहती है कि किसानों के खिलाफ केस दर्ज कराया जाए। लेकिन आप इससे इत्तेफाक नहीं रखती।
केंद्रीय मंत्री की हरियाणा को क्लीन चिट, पंजाब पर बरसे
उधर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का दावा है कि 2021 की तुलना में इस साल पंजाब में पराली जलाने के 19 फीसदी मामले ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। पंजाब में आज ही 3634 पराली जलाने की घटनाए सामने आईं। हरियाणा में 30.6 फीसदी की कमी देखी जा रही है। उनका कहना है कि सभी को पता है कि दिल्ली को किसने गैस चेंबर में तब्दील कर दिया। जहां आप है वहीं घोटाले हैं। उनका कहना है कि पंजाब के पास इस मद में 492 करोड़ का फंड है लेकिन मान सरकार उस पैसे का इस्तेमाल नहीं कर रही है।
सीएम भगवंत मान के गृह जिले में सबसे ज्यादा जली पराली
अर्थ साईंसेज ऑफ यूनियन मिनिस्ट्री की एजेंसी SAFAR के मुताबिक दिल्ली के PM 2.5 प्रदूषण में पंजाब की पराली का हाथ मंगलवार को 14 फीसदी था। सोमवार को ये 22 फीसदी था। जबकि रविवार को ये अब तक सबसे ज्यादा 26 फीसदी रहा था। शनिवार को दिल्ली में जुटाए गए सैंपल में ये 21 फीसदी था। एक रिपोर्ट के अनुसार सीएम भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में पराली जलाने की घटनाएं सबसे ज्यादा रहीं। एक रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को पंजाब में 1,842 जगह पराली जली। इनमें सबसे ज्यादा 345 मामले मुख्यमंत्री भगवंत मान के जिले संगरूर में सामने आए।
आठ दिनों में12 हजार से ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं
इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट IARI की रिपोर्ट कहती है कि पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला रुक नहीं रहा है। मंगलवार को वहां 1842 खेतों की पराली को आग लगाई गई। सोमवार को ये आंकड़ा 2131 था। ये अब तक की सबसे ज्यादा तादाद रही। पंजाब खेती के लिए जाना जाता है। 15 सितंबर से 1 नवंबर के बीच वहां 17846 पराली जलाने की घटनाएं हुईं। बीते आठ दिनों का आंकड़ा डराने वाला है। इस दौरान पंजाब के खेतों में 12 229 पराली जलाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
एक रिपोर्ट कहती है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं काफी चिंताजनक हैं। CAQM संस्था 2021 में बनाई गई थी। इसका काम दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण को कंट्रोल करने का है। संस्था कहती है कि पंजाब की पराली दिल्ली की सेहत पर भारी पड़ रही है। उधर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति का विश्लेषण कहता है कि पंजाब की पराली के धुएं की वजह से दिल्ली के लोगों के लिएओ सांस लेना दूभर हो गया है। ध्यान रहे कि 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच किसान सबसे ज्यादा पराली जलाते हैं।
2021 में पंजाब सरकार को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार मानते थे केजरीवाल
2021 में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब के साथ हरियाणा और यूपी के किसानों को जिम्मेदार ठहराया था। उनका कहना था कि वो लगातार इसे लेकर आवाज उठा रहे हैं। लेकिन कोई सुन ही नहीं रहा। उनका कहना था कि दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण के पीछे दो तरह के कारक हैं। एक जो राजधानी के वाहनों से प्रदूषण पैदा होता है। दूसरा जो पराली जलाने के बाद धुएं से राजधानी तक आता है। उस दौरान आप संयोजक पंजाब और हरियाणा की सराकारों को नसीहत देते थे। उनका कहना था कि किसान पराली जला रहे हैं, क्योंकि वहां की सरकारें इस दिशा में कुछ भी नहीं कर रही हैं। तब उन्होंने अपील की थी कि सरकारें दिल्ली की परेशानी को समझें और किसानों की सहायता करें।