दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’ (केटीएफ) के दो आतंकियों को पंजाब पुलिस को ट्रांजिट रिमांड देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि आवेदन में देरी की गई है। अदालत में पंजाब पुलिस की जमकर फजीहत हुई।
ड्यूटी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ईशा सिंह ने कहा कि अभियुक्तों को पहले जारी किए गए पेशी वारंट पर आज पंजाब की संबंधित अदालत में पेश किया जाना था। अदालत ने कहा कि अर्जी आज सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर दायर की गई और यदि आरोपियों को पंजाब ले जाने की अर्जी मंजूर भी कर ली गयी तो उन्हें शाम पांच बजे से पहले अदालत में पेश करना संभव नहीं होगा। उनका कहना था कि पुलिस को सही से काम करना चाहिए।
अदालत ने पंजाब पुलिस को लगाई तीखी फटकार
कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी को जगराओं पंजाब में संबंधित अदालत में पेश किया जाना था तो जांच अधिकारी को समय पर आवेदन दायर करना चाहिए था। यह आवेदन देर से आया है। अदालत का कहना था कि पंजाब पुलिस का काम करने का तरीका उनकी समझ से बाहर है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या आपको ये नहीं पता था कि ये दोनों किस कैटेगरी के आरोपी हैं। आपको प्लानिंग से काम करना था। लेकिन आपने ऐसे काम किया जैसे केवल अपने काम को निपटा रहे हैं। इस तरह के संवेदनशील केस में इस तरह का गैर जिम्मेदाराना तरीके से काम नहीं चलता।
पुलिस के मुताबिक ढल्ला से जुड़े हैं दोनों आतंकियों के तार
पंजाब पुलिस के मुताबिक अमृतपाल सिंह उर्फ अम्मी और अमरीक सिंह कनाडा स्थित आतंकवादी अर्शदीप ढल्ला से जुड़े हुए हैं। वो वर्तमान में एनआईए के एक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। पंजाब पुलिस ने लुधियाना के जगराओं सदर थाने में दर्ज रंगदारी के एक मामले में ट्रांजिट रिमांड मांगी थी। पंजाब पुलिस ने जनवरी 2023 में जबरन वसूली, आर्म्स एक्ट और यूएपीए से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।