मनराज ग्रेवाल शर्मा।
पंजाब में कांग्रेस की अंदरूनी कलह और कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद वरिष्ठ दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना। वह सोमवार (20 सितंबर, 2021) सुबह 11 बजे सूबे के अगले सीएम के तौर पर शपथ लेंगे। वह राज्य के पहले दलित नेता हैं, जो प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। 58 बरस के चन्नी पेशे से वकील रहे हैं। उनके पास एमबीए की डिग्री भी है। कहा जाता है कि सीपी जोशी के जरिए वह राहुल गांधी के करीब आना चाहते थे, जबकि वह अमरिंदर के खिलाफ बगावत कर चुके हैं।
विडंबना यह है कि 2007 के विस चुनावों में चमकौर साहिब सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करने के तीन साल बाद दिसंबर 2010 में अमरिंदर ने चन्नी की पार्टी में वापसी का मार्ग प्रशस्त किया था। चन्नी ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ जीत हासिल की थी। बाद में वह विधानसभा में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सहयोगी सदस्य बने। उन्हें पीपीपी के मनप्रीत बादल का करीबी माना जाता था, जो अमरिंदर कैबिनेट में मंत्री थे।
कांग्रेस में लौटने के बाद चन्नी ने कथित तौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी के माध्यम से राहुल गांधी से संपर्क करने का प्रयास किया था। लंबे समय तक चन्नी ने पार्टी की अंदरूनी कलह में न फंसने का ख्याल रखते हुए अपने काम पर ही फोकस किया। चन्नी ने जब अमरिंदर के खिलाफ बगवात की थी, उसके बाद राज्य सरकार ने उनके खिलाफ मई में इस साल खोलने की कोशिश की थी, जिसमें एक महिला अधिकारी ने उन पर 2018 में ‘‘अनुचित संदेश’’ भेजने का आरोप लगाया था।
चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की। चन्नी शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे।
वह ट्रेन्ड वकील हैं, जिनके पास दो-दो पीजी डिग्री हैं। एक बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में, जबकि दूसरी राजनीति विज्ञान में। पंजाब विवि (पीयू) से उन्होंने वकालत में स्नातक किया, जबकि चमकूर साहिब से पहली बार विधायक चुने के दौरान पीटीयू (पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी) से उन्होंने एमबीए किया था। 2016 में सीएलपी नेता होने के दौरान उन्होंने पीयू से राजनीति विज्ञान में अपना पीजी पूरा किया था। उनके मुताबिक, “उनके एजुकेशन (शिक्षा) पसंद हैं, न कि क्वालिफिकेशन (पास की गई परीक्षा)।” वह अब कांग्रेस पार्टी पर पीएचडी करना चाहते हैं। चन्नी की पत्नी डॉक्टर हैं, जबकि उनकी दो संतानें हैं। बड़ा बेटा नवजीत सिंह पीईसी यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से लॉ की पढ़ाई कर रहा है।