पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर पिछले कुछ महीनों से छिड़े विवाद के बीच केंद्र ने बुधवार को नांगल बांध को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 296 सशस्त्र सीआईएसएफ कर्मियों की एक टुकड़ी को मंजूरी दी। यह कदम ऐसे दिन उठाया गया है, जब पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने 20 मई तक हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं देने के लिए फतेह रैली का आयोजन किया था।
इस बीच, बुधवार को नए डिस्ट्रीब्यूशन साइकिल के शुरू होने के बाद बांध से हरियाणा को पानी छोड़ा गया। जल कोटा नियंत्रित करने वाले भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने पिछले हफ्ते एक बैठक में फैसला किया कि नए डिस्ट्रीब्यूशन साइकिल में पंजाब को 17,000 क्यूसेक, हरियाणा को 10,300 क्यूसेक और राजस्थान को 12,400 क्यूसेक पानी मिलेगा जो 20 मई, 2026 तक प्रभावी रहेगा।
भाखड़ा नांगल डैम के संचालन के लिए CISF कर्मियों के 296 पद
बीबीएमबी को भेजे गए एक पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि भाखड़ा बांध परियोजना, नांगल (पंजाब) के संचालन के लिए सीआईएसएफ कर्मियों के 296 पद सृजित किए गए हैं। पुलिस को कर्मियों के लिए भोजन, आवास और अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है। पत्र में प्रति व्यक्ति 2,90,100 रुपये की सुरक्षा राशि बताई गई है और बीबीएमबी से 8,58,69,600 रुपये (296 कर्मियों के लिए) सीआईएसएफ मुख्यालय को ट्रांसफर करने को कहा गया है। बीबीएमबी का साझेदार राज्य होने के नाते पंजाब को भी तैनाती की लागत का कुछ हिस्सा वहन करना होगा।
बीकानेर के इन दो व्यंजनों का पीएम मोदी ने किया जिक्र
AAP कार्यकर्ताओं ने खत्म किया धरना
इस बीच, हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से रोकने के लिए पिछले 20 दिनों से भाखड़ा बांध के नीचे स्थित नंगल बांध पर धरना दे रहे आप कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के वहां पहुंचने और फतेह रैली को संबोधित करने के बाद धरना उठा लिया। मान ने कहा कि वह शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में बीबीएमबी के पुनर्गठन का मुद्दा उठाएंगे। मान ने पहले भी नीति आयोग की बैठकों में शामिल नहीं होने का फैसला किया है, लेकिन इस बार वह बैठक में शामिल होंगे और इस मुद्दे को उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि चूंकि पानी का स्तर लगातार बदल रहा है, इसलिए हर जल समझौते की हर 25 साल बाद समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब एक ऐसा सीमावर्ती राज्य है जो देश को भोजन उपलब्ध कराने के लिए पानी और उपजाऊ मिट्टी के मामले में अपने एकमात्र उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का पहले ही दोहन कर चुका है। मान ने दुख व्यक्त किया कि जिस तरह से बीबीएमबी राज्य के पानी के वैध हिस्से को छीनने में शामिल हो गया, वह दुर्भाग्यपूर्ण और अत्यधिक निंदनीय है। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स